ETV Bharat / international

हिंद-प्रशांत महासागर में भारत और जापान रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत

author img

By

Published : Sep 14, 2020, 9:52 PM IST

भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल गोरो युसा ने भारत-जापान के रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई. दोनों देशों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत महासागर की वकालत की.

india pacific region
हिंद-प्रशांत महासागर

टोक्यो : भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेजीएसडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल गोरो युसा ने सोमवार को एक टेलीफोनिक चर्चा की. इस दौरान दोनों ने रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की और दोनों देशों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत महासागर की वकालत की.

चीन की चुनौती को जवाब

जेजीएसडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल गोरो युसा ने 14 सितंबर को फोन पर जनरल एमएम नरवणे के साथ चर्चा की. दोनों जनरलों ने भारत-जापान के रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई. जेजीएसडीएफ ने ट्वीट किया, स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत महासागर को साकार करने के लिए. हिंद-प्रशांत महासागर को बड़े पैमाने पर हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर सहित पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर के क्षेत्र के रूप में देखा जाता है. दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों और हिंद महासागर में आगे बढ़ने के उसके प्रयासों ने स्थापित नियमों-आधारित व्यवस्था को चुनौती दी है.

चीन से सब परेशान

वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान ने भी दक्षिण चीन सागर पर दावा किया है. पूर्वी और दक्षिण सागर में दावेदारों के खिलाफ चीन की बढ़ती मुखरता के कारण हिंद-प्रशांत महासागर में अभूतपूर्व समझौता हुआ है. निक्केई एशियन रिव्यू के अनुसार, कई संबंधित राष्ट्र खतरे को कम करने के लिए एक-दूसरे और अमेरिका के साथ सुरक्षा संबंधों को गहरा कर रहे हैं. हाल के वर्षों में जापान ने क्षेत्र में बीजिंग की गतिविधियों के बारे में तथा विशेष रूप से सेनकाकू द्वीप को लेकर चिंता व्यक्त की है. सेनकाकू द्वीप को चीन में दियोयुडाओ द्वीप समूह के रूप में जाना जाता है और बीजिंग इसे चीनी क्षेत्र होने का दावा करता है.

पढ़ें-चीनी वैज्ञानिक का दावा, वुहान की लैब में बना था कोरोना वायरस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.