नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर 24 पुलिस ने तीन ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है जो नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करते थे. जिसमें इनका मास्टरमाइंड पूर्व लोकसभा प्रत्याशी है. थाना सेक्टर-24 पुलिस ने आरोपी डॉक्टर बृजेश कुमार वर्मा सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें मुख्य आरोपी डॉक्टर बृजेश कुमार वर्मा है, जो एक जालसाज है.
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आरोपी बीएससी पास है और डिप्लोमा ऑफ ऑप्थोमेट्रिक्स भी किया है. पकड़े गया आरोपी एनजीओ भी चलाता है. जिसमें महिलाओं को निशुल्क सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. जिसके आधार पर निशुल्क प्रशिक्षण की अनुमति गौतमबुद्ध नगर जिले के बीएसए द्वारा दी गई है. इसकी प्रशासन में भी मजबूत पकड़ है. यह अपना गोरखधंधा एनजीओ की आड़ में कर रहा था. पुलिस ने उसके पास से नगदी, कंप्यूटर मोबाइल और भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद किया है. मास्टरमाइंड के साथ ही पुलिस ने कुल 3 लोगों की गिरफ्तारी की है.
जौनपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था
आरोपी पूर्व में जनपद रायबरेली के ऊंचाहार में चश्मे की दुकान चलाता था. वर्ष 1995 में प्रधानी का चुनाव लड़ा था. वहीं 2019 में आरबीआई रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले मछली शहर जौनपुर उत्तर प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. आरोपी ने वर्ष 2007 में एक एनजीओ एस एस एस संस्था लखनऊ से रजिस्टर्ड कराई. इस जालसाज ने बेरोजगार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के नाम पर नोएडा के ग्राम चौड़ा रघुनाथपुर सेक्टर 22 में एक प्रशिक्षण केंद्र अक्टूबर माह में खोला. जिसमें वह प्रशिक्षुओं को 1 सप्ताह का सर्टिफिकेट बिना कोर्स कराए देता था. कोर्स कराने के नाम पर जाली नियुक्ति पत्र जनपद के विभिन्न पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में काम करने के नाम पर देता था.
100 से अधिक महिला और पुरुषों को फर्जी नियुक्ति पत्र दिए
प्रशिक्षण केंद्र से जुड़े करीब 100 से अधिक महिला और पुरुषों से अब तक यह कई लाख रुपए सिक्योरिटी मनी के रूप में ले चुका है. जिन्हें आरोपी जिला समन्वयक, सलाहकार, ब्लॉक समन्वयक, तहसील समन्वयक, जांच अधिकारी, रिपोर्ट अधिकारी, ब्यूटीशियन, प्रशिक्षकों, सिलाई-कढ़ाई पर शिक्षिका आदि तरह-तरह के विभिन्न पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नियुक्त करता था. सभी से 10000 से 50000 रुपये तक के सिक्योरिटी मनी जमा कराता था. आरोपी द्वारा जनपद के बीएसए को अपने एनजीओ का पत्र भेजा जाता था कि उनकी संस्था एसएसएस संस्था जिले के दनकौर, बिसरख, दादरी, नोएडा के 10 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को सिलाई-कढ़ाई आदि का निशुल्क प्रशिक्षण अपनी योग्य प्रशिक्षकों से देना चाहता है. इसके आधार पर बीएसए गौतमबुद्ध नगर द्वारा इस संस्था को निशुल्क प्रशिक्षण हेतु अनुमति प्रदान की गई थी. जिसकी आड़ में अभियुक्त ने बेरोजगार महिलाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर सभी से 10 से 50000 रुपये तक की सिक्योरिटी मनी जमा कराई थी.
सहारनपुर, बुलंदशहर और गाजियाबाद में भी कार्यालय खोले
आरोपी ने मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद आदि जनपदों में अपने इसी प्रकार के कार्यालय खोले हैं. इनमें इसी प्रकार के कार्य संचालित किए जाते हैं. मथुरा तथा अन्य जनपदों में भी इसी प्रकार के फर्जी केंद्र खोले जाने वाले थे. इसके अतिरिक्त अभियुक्त द्वारा दिल्ली से हरियाणा के फरीदाबाद में केंद्र खोले जाने तथा उनके विद्यालयों में प्रशिक्षिकाओ द्वारा प्रशिक्षण दिए जाने हेतु अप्लाई किया गया था. लेकिन दिल्ली तथा फरीदाबाद में COVID-19 की वजह से इस जालसाज को अनुमति नहीं मिल पाई. आरोपी ने अपना नाम बदल कर 2011 में जनपद मैनपुरी में बृजेश सिंह और बृजेश गौतम के नाम से इसी प्रकार की जालसाजी की थी. वर्ष 2013 में जनपद फतेहपुर में बृजेश कुशवाहा के नाम से धोखाधड़ी की गई थी. कोतवाली थाना में इसी प्रकार की जालसाजी का मुकदमा पंजीकृत किया गया था. जिसमें डॉक्टर बृजेश कुमार वर्मा जेल भी गया था. इसके साथ पुलिस ने दनकौर निवासी महेश पटेल पुत्र छेदा लाल और राजवीर उर्फ राजू पुत्र कालीचरण को भी गिरफ्तार किया है.
41500 रुपये, कंप्यूटर और फर्जी दस्तावेज बरामद
एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था ने बताया कि मुख्य आरोपी की यह योजना थी कि नाबार्ड द्वारा सहायतित हाट बाजार जिसमें 5 ग्राम सभा में एक हाट बाजार खोला जाना था. इसके अलावा किसान क्लब जिसमें 10 किसानों का एक समूह होना तथा स्वयं सहायता समूह जिसमें 10 महिलाओं का एक समूह बनाया जाना था. इसमें नाबार्ड से प्राप्त होने वाली रकम को भी आरोपी द्वारा हड़पने की योजना थी. मुख्य आरोपी ने ग्राम चौरा रघुनाथपुर में अपनी संस्था का कार्यालय तथा एक प्रशिक्षण केंद्र बनाया था. उसका भौतिक निरीक्षण भी नाबार्ड के अधिकारियों को करा चुका था. मुख्य आरोपी अपनी संस्था एस एस एस को नाबार्ड से इस कार्य के लिए करीब 25 लाख तथा समाज कल्याण विभाग से भी काफी भारी अनुदान माह जनवरी से प्राप्त होने वाला था. इससे पूर्व ही आरोपी का भंडा फूट गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके पास से 41500 रुपये नगद, एक कंप्यूटर, एक मोबाइल फोन, भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं.