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नारी तू नारायणी : शिक्षा, खेल और संस्कार के लिए अलख जगा रहीं रेखा, गांवों में चला रहीं अभियान

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Published : Sep 29, 2022, 6:31 AM IST

Updated : Sep 29, 2022, 6:43 AM IST

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नवरात्रि शुरू हो गए हैं. 9 दिनों तक नारी शक्ति स्वरूपा की आराधना की जाएगी. ऐसे में हम आपको ग्रेटर नोएडा की नारी नारायणी से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान कई तरह से सामने आकर न सिर्फ बड़े स्तर पर जिम्मेदारी निभाई बल्कि समाज के वंचित तबके की बढ़-चढ़कर मदद की. आइए मिलते हैं ग्रेटर नोएडा की रेखा गुर्जर (rekha gurjar of greater noida) से...

गौतमबुद्ध नगर ( ग्रेटर नोएडा) : वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब देश में लॉकडाउन हो गया था, तब ग्रेटर नोएडा की रेखा गुर्जर (rekha gurjar of greater noida) ने उसी समय झुग्गी- झोपड़ी के लोगों को राशन पहुंचा कर उनकी समस्याओं को जाना और सामाजिक सेवा करने का बीड़ा उठाया. रेखा ने उस दौरान देखा कि झुग्गी- झोपड़ियों के बच्चे बिना शिक्षा के इधर-उधर घूमते रहते हैं. उन्हीं बच्चों में शिक्षा का अलख (light of education) जगाने के लिए रेखा ने गुजरी माता पन्नाधाय के नाम से एक सामाजिक संगठन बनाया और उनकी शिक्षा के लिए काम करना शुरू कर दिया.

झुग्गी- झोपड़ी के बच्चों के सहित गांव में निम्न तबके के बच्चों को शिक्षा के लिए तैयार किया. बच्चों के अंधकारमय भविष्य को इनके संगठन ने एक प्रकाश की किरण दिखाई. रेखा इसके साथ ही जरूरतमंद बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था, पुस्तकालय में किताबें देना, महिला बंदियों और उनके बच्चों के लिए कपड़ों की व्यवस्था करने के साथ कई काम कर रही हैं. इनका संगठन बिना किसी सरकारी सहायता के अपने स्तर से लोगों की मदद कर रहा है. ये लोग ग्रेटर नोएडा में शिक्षा, खेल (sports and culture) व अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं.

रेखा गुर्जर, समाज सेविका

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जेल में बंदी कैदियों के बच्चों को शिक्षा व कपड़ों की व्यवस्था : उन्होंने बताया कि जेल में बंद महिलाओं के छोटे बच्चों के लिए उनका संगठन कपड़े और किताबों की व्यवस्था करता है, क्योंकि जब तक महिलाएं जेल में रहती हैं तो उनके छोटे बच्चे वहीं उनके साथ रहते हैं. उनकी स्थिति को देखते हुए उन बच्चों को किताबें व कपड़ों की व्यवस्था अपने संगठन के स्तर से करती हैं और हर 6 महीने में जिला जेल लुक्सर का दौरा करती हैं.

झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों में शिक्षा की जगाई अलख : उन्होंने बताया कि जब देश में कोरोना महामारी आई थी तो पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. उसी दौरान इनके संगठन ने झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के लिए राशन में कपड़ों की व्यवस्था की और वहां पर जा-जाकर लोगों को राशन बांटा. इस दौरान उन्होंने देखा कि यहां पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा व खेल की कोई व्यवस्था नहीं है. कोरोना के बाद इनके संगठन में ऐसे बच्चों को शिक्षा व खेल की व्यवस्था कराई. आज सैकड़ों बच्चों को इनके स्तर से मुफ्त शिक्षा दी जा रही है. झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर बच्चों को पढ़ाने के लिए पाठशाला लगाई जाती है.

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को खेल के लिए कर रहे हैं तैयार : रेखा गुर्जर ने बताया कि इनकी टीम को ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में ऑक्सफोर्ड ग्रीन स्कूल के साथ बच्चों को बास्केटबॉल की कोचिंग दी जा रही है. उन्होंने इस स्कूल में बास्केटबॉल का कोर्ट बनाया है, जिसमें करीब 80 बच्चे खेल की तैयारी कर रहे हैं, उनमें 30 बच्चियां भी हैं. इनके संगठन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को स्टेट और नेशनल लेवल के खेलों के लिए तैयार करना है. संगठन की ओर से चलाई जा रही खेल कोचिंग में बच्चियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में क्लास लगाकर बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा : गुजरी माता पन्नाधाय संगठन की टीम दादूपुर गांव में बच्चों को शिक्षा देने के लिए क्लास चलाती है. संगठन की ओर से दादूपुर गांव में चलने वाली क्लासों में लगभग 300 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं. इन बच्चों में ज्यादातर वे बच्चे हैं, जो स्कूलों में जाकर शिक्षा नहीं ले पाते थे. ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संगठन गांव में ही बच्चों को पढ़ा रहा है.

संस्करों के प्रति लोगों को करते हैं जागरूक: देश में बढ़ती पश्चिमी सभ्यता के कारण लोग अपने संस्कारों को भूल रहे हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए संगठन लोगों को उनकी संस्कृति व संस्कारों से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. संगठन लोगों से अपनी संस्कृति व संस्कारों के साथ अपने रीति रिवाज व त्योहारों को मनाने के लिए जागरूक करता है.

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Last Updated :Sep 29, 2022, 6:43 AM IST
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