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अजनारा बिल्डर का भूखण्ड प्राधिकरण ने किया निरस्त

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Published : May 5, 2022, 6:25 PM IST

अजनारा बिल्डर का भूंखण्ड प्राधिकरण ने किया निरस्त
अजनारा बिल्डर का भूंखण्ड प्राधिकरण ने किया निरस्त

बिल्डर द्वारा पैसे की रिकवरी न होने के चलते ग्रेटर नोएडा यमुना विकास प्राधिकरण ने बिल्डर को दिए गए प्लॉट को निरस्त कर दिया है. मिली सूचना के अनुसार, प्राधिकरण के 42.82 करोड़ रुपये का बकाया था.

नई दिल्ली : ग्रेटर नोएडा यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा बिल्डर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसके तहत बिल्डर को दिए गए प्लॉट को निरस्त कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि पैसे की रिकवरी न होने के चलते प्राधिकरण द्वारा यह कार्रवाई की गई है. साथ ही साथ प्राधिकरण द्वारा बिल्डर का पैसा भी जब्त कर लिया गया है.

प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बिल्डर का यह प्रोजेक्ट सेक्टर 22a में निर्माणाधीन था और वर्ष 2017 से लगातार बिल्डर के द्वारा प्राधिकरण के बकाया जमा नही किया गया था, जिसके चलते प्राधिकरण के 42.82 करोड़ रुपये का बकाया था.

वहीं प्राधिकरण ने बिल्डर के द्वारा जमा किए गए पैसे को भी जप्त कर लिया है, साथ ही प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि डिफॉल्टर घोषित होने पर बिल्डर का 25% पैसा प्राधिकरण का होगा इसके साथ ही बिल्डर से कहा गया है कि जो बायर्स का पैसा है, उसको वापस लौट जाए नहीं तो प्राधिकरण इस पैसे से बायर्स के द्वारा बुक किये गए फ्लैटों को पूरा कर बायर्स को उपलब्ध कराएगा. प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अब तक 10 प्रोजेक्ट कैंसिल कराए जा चुके हैं.

अजनारा बिल्डर का भूंखण्ड प्राधिकरण ने किया निरस्त

यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि बिल्डर के द्वारा वर्ष 2017 से ही पैसा जमा नहीं किया जा रहा था, जिसके चलते 2019 व 2020 में बिल्डर को डिफॉल्टर घोषित किया गया, लेकिन बिल्डर ने दोबारा से री स्टोर करा लिया और पैसा जमा करने की बात कही थी, जिसके बाद भी बिल्डर ने पैसा जमा नहीं किया और अब एक बार फिर से यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने कार्यवाही करते हुए बिल्डर के प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया है, साथ ही बिल्डर के द्वारा जमा किए गए पैसे को भी जप्त कर लिया है.

डॉक्टर अरुण वीर सिंह का कहना है कि रुलीग के आधार पर बिल्डर के द्वारा जमा किए गए पैसे का 25% रुपये लगभग 11 करोड़ 71 लाख रुपये जप्त कर लिए गए हैं, जबकि बाकी बचे पैसे सब बिल्डर को कहा गया है कि वह या तो बायर्स को पैसा वापस लौट आए या फिर इस पैसे से यमुना विकास प्राधिकरण बायर्स के द्वारा बुक कराए गए फ्लैटों को पूरा करा कर बायर्स को सौंपे.

सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि अब तक 10 ग्रुप हाउसिंग प्लॉट निरस्त किए जा चुके हैं, अजनारा बिल्डर सेक्टर 22a में आवंटित 25 एकड़ का प्लॉट इस बार निरस्त किया गया है, इस भूखंड पर हाउसिंग सोसायटी बनाने के लिए वर्ष 2011 में आवंटन किया गया था. बिल्डर को 3266 रेजिडेंशियल यूनिट बनाने की मंजूरी अथॉरिटी ने दी थी, इसमें से 695 फ्लैटों के लिए प्राधिकरण ने कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है. बिल्डर ने ज्यादातर फ्लैट बेच दिए हैं, जिनका निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा है, बिल्डर ने जो फ्लैट पूरे किए हैं उन पर भी खरीदारों को अभी तक कब्जा नहीं दिया गया है, साथ ही अधिकारियों का कहना है कि अजनारा बिल्डर को 25 एकड़ की जमीन के एवज में अभी 4282 करोड़ रुपये चुकाने उसने अब तक केवल 11,79 करोड़ रुपये ही जमा किए हैं. डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2011 में अजनारा को प्रोजेक्ट दिया गया था और तभी से कंपनी डिफॉल्टर रही है. वर्ष 2019 में इस भूखंड की भुगतान प्रक्रिया का रिजल्ट यू मेंट कर आ गया, इसके बावजूद बकाया धनराशि जमा नहीं की गई.

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