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तम्बाकू निषेध दिवस : विश्व में 40 प्रतिशत कैंसर का कारण तम्बाकू, ऐसे छोड़ सकते हैं तम्बाकू की लत

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Published : May 30, 2022, 6:44 PM IST

tobacco day
विश्व तंबाकू निषेध दिवस

कोरोना वायरस महामारी से लाखों लोगों ने अपनी जान गंवा दी, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद ब खुद हर रोज अपने को मौत के मुंह में ढकेल रहे हैं. तंबाकू के सेवन से वह लगातार अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, हर साल दुनिया में लगभग 80 लाख लोगों की मौत तंबाकू की वजह से हो रही है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : मई के आखरी सोमवार को हर साल दुनिया भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ संगठन ने नो टोबैको डे की शुरुआत की थी. 1987 में तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों में वृद्धि को देखते हुए इसे महामारी माना गया. पहली बार सात अप्रैल 1988 को WHO की वर्षगांठ पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया. 1988 के बाद से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता. इसका उद्देश्य तंबाकू के इस्तेमाल को कम करने के लिए जागरूक करना है. इसके इस्तेमाल से कैंसर जैसी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं. विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक तंबाकू से हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है.

वरिष्ठ सर्जन और कैंसर विशेषज्ञ डॉ आर के पोद्दार बताते हैं विभिन्न प्रकार से लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं. जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें से अधिकांश को फेफड़ों के कैंसर से जूझना पड़ता है. जोकि बहुत घातक होता है. जो लोग गुटके के रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं. उनको मुह और गले का कैंसर होने का खतरा बना रहता है. कुछ लोग तम्बाकू में चूना मिलाकर खाते है. जिसकी वजह से मुंह के अंदर की परत कट जाती है, जिससे मुह और जीभ का कैंसर हो जाता है. विश्व में होने वाले 40 प्रतिशत कैंसर का कारण तम्बाकू का सेवन है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

कैसे छोड़ें तम्बाकू की लत ?

डॉ आर के पोद्दार बताते हैं कि मन को मजबूत कर तम्बाकू की लत को हमेशा के लिए अलविदा कह जा सकता है. तंबाकू की लत को छोड़ने के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट मौजूद हैं, जिनको डॉक्टर से सलाह लेने के बाद इस्तेमाल कर तंबाकू की आदत को छोड़ा जा सकता है. घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर तंबाकू की लत को छोड़ा जा सकता है. यदि आप तम्बाकू का सेवन छोड़ना चाहते हैं तो मुह में सौंफ-इलाइची आदि रख कर मन को तम्बाकू से मन हटा सकते हैं.

पैसिव स्मोकिंग भी खतरनाक

डॉ पोद्दार बताते हैं कि जब एक कमरे में कई लोग बैठे होते हैं और उसी कमरे में एक व्यक्ति धूमपान कर रहा होता है तो उसके धूमपान से निकलने वाला धुआं कमरे में इकट्ठा होने लगता है, जिसे बाकी लोग सांस के साथ अपने शरीर में लेते हैं. इसे पैसिव स्मोकिंग कहा जाता है. पैसिव स्मोकिंग भी बेहद खतरनाक है. इससे बचना चाहिये.

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जिले में एन्टी टोबैको सेल सक्रिय है. एंटी टोबैको सेल द्वारा जिले में लगातार लोगों को तंबाकू का सेवन ना करने और इसके दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है. स्कूल कॉलेजों में ले जाकर तंबाकू का प्रयोग न करने और उसके दोस्तों के बारे में छात्रों को लगातार बताया जा रहा है. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शैक्षिक संस्थाओं के 100 मीटर की दूरी के अंदर जिन दुकानों पर तंबाकू पदार्थ बेचे जा रहे हैं उन पर लगातार कार्यवाही की जा रही.

डॉ राकेश कुमार गुप्ता, ज़िला सर्विलांस अधिकारी, गाजियाबाद

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