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गाजियाबाद में मिले MonkeyPox के दो संदिग्ध मरीज, जांच के लिए भेजे गए सैंपल

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Published : Jul 27, 2022, 10:18 PM IST

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गाजियाबाद में मंकीपॉक्स

उत्तर प्रदेश में भी मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है. नोएडा के बाद गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध केस सामने आए हैं. इनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी. फिलहाल सभी को आइसोलेशन में रखा गया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी. जिले में अब तक मंकीपॉक्स का कोई भी पॉजिटिव केस के सामने नहीं आया है.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राकेश कुमार गुप्ता से मिली जानकारी के मुताबिक वैशाली निवासी 35 वर्षीय युवक की मंकीपॉक्स सम्भावित सूचना प्राप्त हुई थी. मरीज को 23 जुलाई को बुखार, शरीर पर दाने आदि की शिकायत के चलते दिल्ली के एलएनजेपी (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर चिकित्सकों द्वारा मरीज को चिकनपॉक्स की सम्भावना बतायी गई थी. मरीज को उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया गया. बुखार कम न होने की वजह से परिजनों ने मरीज को फिर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टर ने मरीज को चिकनपॉक्स सम्भावित माना गया. एतिहातन मरीज का मंकीपॉक्स जांच के लिए सैम्पल लिया गया. है. मरीज 20 दिन पहले मुंबई से और दो महीने पहले फ्रांस से लौटा था.

गाजियाबाद में मंकीपॉक्स
मिली जानकारी के मुताबिक 26 जुलाई को जिला एमएमजी अस्पताल में फिजिशियन डॉ आरपी सिंह ने अर्थला निवासी युवक को देखा. मरीज को बुखार, शरीर में दर्द, सर दर्द, खांसी, जुकाम, पेट में दर्द और शरीर पर दाने की शिकायत थी. डॉ आर पी सिंह के मरीज को देखने के बाद चिकन पॉक्स संभावित माना. लेकिन एतिहात के तौर पर मरीज का सैंपल मंकीपॉक्स की जांच के लिए एनआईबी पुणे भेज दिया गया है. मरीज की हालत मौजूदा समय में पूरी तरह से सामान्य है. मरीज को चिकित्सीय परामर्श देने के बाद घर पर ही आइसोलेट होने की सलाह दी गई है. मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. क्या है मंकीपॉक्स वायरस ?मंकीपॉक्स आमतौर पर हल्के संक्रमण वाला वायरस है. यह आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था. साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था, जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी. इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी. यूके की एनएचएस वेबसाइट के अनुसार, यह रोग चेचक के वंश का है, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होने वाले दाने का कारण बनता है. मंकीपॉक्स के लक्षणमंकीपॉक्स से संक्रमितों के लक्षण प्रकट होने में पांच से 21 दिनों के बीच का समय लगता है. इनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कंपकंपी और थकावट शामिल हैं. इन लक्षणों का अनुभव करने के लिए एक से पांच दिन बाद चेहरे पर दाने दिखाई देते हैं. दाने कभी-कभी चिकन पॉक्स जैसे होते हैं, क्योंकि यह उभरे हुए धब्बों के रूप में शुरू होता है जो तरल पदार्थ से भरे छोटे पपड़ी में बदल जाते हैं. लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह में खत्म हो जाता है और पपड़ी गिर जाती है.
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