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पति को हुआ पैरालिसिस तो पत्नी ने उठाया औजार, मोटर मैकेनिक बन संभाल रही परिवार

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Published : Oct 13, 2022, 8:56 PM IST

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मोटर मैकेनिक बन संभाल रही परिवार

आज देशभर में करवा चौथ पर्व की धूम है. इस बीच गाजियाबाद में रहने वाली पूनम की कहानी चर्चा में है. दरअसल उन्‍होंने अपने पति को लकवा होने के बाद न सिर्फ मोटर मैकेनिक का काम सीखा बल्कि वह पिछले दो साल से बखूबी यह काम कर रही हैं. करवा चौथ के दिन पूनम के हाथों पर भी मेहंदी सजी हुई है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : देश भर में आज करवा चौथ का त्यौहार (karwa chauth 2022) मनाया जा रहा है. इस दौरान पत्नी, पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. करवा चौथ के दिन हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी सुनाने जा रहे हैं. जिन्हें कलयुग की सावित्री कहना गलत नही होगा. गाजियाबाद की रहने वाली पूनम के पति राजेश एक निजी कंपनी के मैकेनिकल डिपार्टमेंट में बतौर मैकेनिक काम करते थे. अचानक से पैरालाइसिस (paralysis) होने के बाद उसका काम छूट गया. कई महीनों तक इलाज चला. एक दिन जब वह वापस नौकरी पर लौटे तो उनसे वहां काम ना हो सका.

जब राजेश वापस घर लौटे तो पूरी तरह से टूट चुके थे. उन्होंने पत्नी पूनम को बताया कि वह अब काम नहीं कर सकते हैं. ऐसे में राजेश और पूनम के सामने दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना चुनौती बन गई. अंदर से टूट चुके राजेश को पूनम ने हौसला दिया.

पूनम ने उनसे कहा कि जो काम वह अच्छी तरह से जानते हैं उसी काम को अब दोनों मिलकर आगे बढ़ाएंगे. राजेश निजी कंपनी में मैकेनिक डिपार्टमेंट में काम कर चुके थे. दोपहिया वाहनों को सुधारने का हुनर उन्हें काफी अच्छे से आता था. पूनम ने उसके हुनर का सहारा लेकर मोटर मैकेनिक की सड़क किनारे वर्कशॉप खोली.

मोटर मैकेनिक बन संभाल रही परिवार

पूनम ने पति से औजार पकड़ना सीखा और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी. राजेश जैसे बताते ठीक वैसे ही पूनम मोटरसाइकिल ठीक करती. कुछ महीनों में पूनम को अच्छा खासा काम करना आ गया. पूनम जहां एक तरफ घर का खर्च चला रही है तो वहीं दूसरी तरफ पैरालाइसिस से ग्रसित अपने पति का इलाज का खर्च भी उठा रही हैं.

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पूनम के पति बताते हैं जीवन में सब कुछ सामान्य चल रहा था लेकिन अचानक से 2019 में पैरालिसिस हो गया. पैरालिसिस होने से जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया. इस दौरान पत्नी ने काफी साथ दिया. पत्नी ने दाहिना हाथ बन कर कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दिया. फिलहाल राजेश का दाहिना हाथ तकरीबन 60% तक ठीक हो गया है. लेकिन वह नट बोल्ट आदि नहीं खोल पाते हैं.

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मोटर मैकेनिक बन संभाल रही परिवार

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वहीं, पूनम बताती हैं कि वह अपने पति के काम में उनका लंबे समय से हाथ बटा रहे हैं. उसके पति को परलीसिसस हो गया था. जिसका तकरीबन दो से ढाई साल इलाज चला. इलाज के दौरान मजबूरी में पूनम के पति को कमाने के लिए घर से निकलना पड़ा, लेकिन नौकरी का सफर आसान नहीं था. उसने पति से कहा कि आप काम शुरू करिए. मुझे बताते रहना मैं कोशिश करूंगी और कुछ दिनों में काम सीख जाऊंगी.

वह बताती है कि हालत बेहद खराब हो चले थे, लेकिन इस दौरान भगवान ने हमारा साथ दिया. हमें हालातों से लड़ने की हिम्मत दी. धीरे-धीरे उनके पति अब ठीक हो रहे हैं. उनका एक हाथ जो खराब हो गया था अब उससे थोड़ा बहुत काम होने लगा है.

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