नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : केंद्रीय जीएसटी विभाग ने फ़र्ज़ी फर्में और बिल बनाकर टैक्स चोरी करने वाले एक रैकेट का खुलासा किया है. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग ने दिसंबर 2020 में एक फर्म मेसर्स जय इंटरप्राइजेज और ग़ाज़ियाबाद स्थित 36 अन्य फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की. जांच में जीएसटी धोखाधड़ी करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. 36 फर्मों से करीब 628 करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग की गई थी. रैकेट ने कई पैन, मोबाइल नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल करके कई फर्जी फर्में बनाकर करीब 99 करोड़ की आईटीसी (Income Tax Credit) का लाभ विभाग से लिया गया था.
जांच के दौरान रैकेट के एक सदस्य नरेश कुमार को फर्जीवाड़े में उसकी सक्रिय संलिप्तता के कारण 21 अप्रैल 2021 को गिरफ्तार किया गया था. जांच को आगे बढ़ाते हुए 8 और 9 मार्च को CGST विभाग के अफसरों ने ग़ाज़ियाबाद और दिल्ली के 6 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान इस रैकेट में शामिल रूपक वशिष्ठ नाम के एक व्यक्ति को तलब किया गया.
पता चला कि रूपक वशिष्ठ के पैन कार्ड पर 11 फर्मे रजिस्टर्ड हैं. जांच में सभी फर्में फर्जी पाई गईं. रूपक ने फ़र्ज़ी बिलों से बिना किसी माल की सप्लाई किए सात करोड़ की टैक्स चोरी की है. रूपक की 11 फ़र्ज़ी फर्मों में दिया गए मोबाइल नंबर और बैंक खातों से क़रीब 50 और फ़र्ज़ी फर्मों की जानकारी मिली है.
![GST fraud racket was running eleven firms on one PAN card fake billing of crores](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/del-ncr-gzb-01-gst-fraud-7206664_12032022163010_1203f_1647082810_940.jpg)