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गाजियाबादः बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्कूलों में अभियान तेज

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Published : Apr 27, 2022, 11:00 PM IST

दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर से कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है. गाजियाबाद में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार को चौथी लहर की आहट बतायी जा रही है. स्कूलों में भी कोरोना का प्रकोप को देखने को मिल रहा है.

वैक्सीनेशन के लिए स्कूलों में अभियान तेज़,
वैक्सीनेशन के लिए स्कूलों में अभियान तेज़,

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिले में भी कोरोनावायरस रफ्तार पकड़ रहा है. कोरोनावायरस की बढ़ती रफ्तार को चौथी लहर की आहट बताया जा रहा है. स्कूलों में भी कोरोना का प्रकोप को देखने को मिल रहा है. हर दिन स्कूलों में छात्र और शिक्षक कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. 10 से 26 अप्रैल के बीच ज़िले में 86 छात्र-छात्राओं और 20 शिक्षकों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. अब तक गाजियाबाद के 58 स्कूलों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले सामने आए हैं.

स्कूलों में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ विभाग वैक्सीनेशन पर ज़ोर दे रहा है. स्कूलों में कैम्प लगाकर 12 से 14 और 14 से 17 साल के सभी छात्र-छात्राओं को वैक्सीनेट कराया जा रहा है. गाज़ियाबाद के डिप्टी ज़िला टीकाकरण अधिकारी जी पी मथुरिया द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 12 से 14 साल के 1 लाख 41 हज़ार 623 बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जाना है. जिसमे से अबतक कुल 1 लाख 36 हज़ार 270 (96.22 प्रतिशत) बच्चों को कोरोना की पहली खुराक दी जा चुकी है. जबकि अब तक 8989 (6.35 प्रतिशत) बच्चों को कोरोना की दूसरी खुराक दी गई है.

वैक्सीनेशन के लिए स्कूलों में अभियान तेज़,
जीपी मथुरिया के मुताबिक 15 से 17 साल आयुवर्ग के 2 लाख 34 हज़ार 488 युवक-युवतियों को कोरोना की खुराक दी जानी थी. जिसमे से शत प्रतिशत को पहली खुराक दी जा चुकी है. जबकि 1 लाख 67 हज़ार 740 को कोरोना की दूसरी खुराक दी गयी है. जिले के दो दर्जन से अधिक स्कूलों में प्रत्येक दिन कोरोना टीकाकरण के लिए कैम्प लगाकर छात्र-छात्राओं को वैक्सीनेट किया जा रहा है. स्वास्थ विभाग द्वारा हर दिन करीब 10 हज़ार छात्र-छात्राओं को वैक्सीनेट किया जा रहा है. जल्द वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.भले ही स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत हो गई है और बच्चों ने स्कूल जाना शुरू कर दिया है लेकिन अभी भी अभिभावकों की चिंता बरकरार है. अभिभावकों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि बच्चे स्कूल तो जा रहे हैं लेकिन क्या स्कूल में बच्चे कोरोनावायरस से सुरक्षित हैं. क्या स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन को पाना संभव है. गर्मी का मौसम है ऐसे में क्या बच्चे स्कूल में मास्क लगाकर रखेगे. क्या पहले की तरह क्लास में सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए एक डेस्क पर एक बच्चे को ही बैठाया जाएगा.विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना की चौथी लहर यदि आती भी है तो शायद उस तरह से लोगों पर जानलेवा प्रभाव नहीं दिखा पाएगी जैसे कोरोना की पहली व दूसरी लहर में देखने में आए थे. क्योंकि टीकाकरण के प्रभाव स्वरूप बड़ी संख्या में जनसंख्या में जरूरी इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है, लेकिन चूंकि कोरोना के वायरस का स्वरूप ऐसा है जो बदलता रहता है. इसलिए अभी यह कहना संभव नही है कि भविष्य में लोगों पर उसका किस तरह का प्रभाव नजर आ सकता है.कोरोना से बचने के लिए बच्चों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने के बारे में ज़रूर बताएं


• बच्चों को समझाएं की किसी भी अवस्था में अपने मुंह को छूने से पहले हाथों को सेनेटाइज अवश्य करें. यदि संभव हो तो थोड़े-थोड़े अंतराल पर, कुछ भी खाने से पहले, बाहर से घर आने के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं. बाहर से घर आने के बाद तत्काल अपने कपड़े बदले.

० स्कूल में कक्षा हो या कोई सार्वजनिक स्थान, या फिर खेल व अन्य प्रकार की गतिविधि हो, जहां तक संभव हो दूसरों से सामाजिक दूरी बनाकर रखें.

• मास्क का उपयोग नियमित रूप से करें. ध्यान रखें कि बच्चों का मास्क चेहरे पर पूरी तरह से फिट आता हो, यानी वह ज्यादा ढीला या टाइट ना हो, और वह उसे हमेशा नाक के ऊपर ही पहने.

• यदि उनके किसी साथी में सर्दी-खांसी-जुखाम या कोरोना के अन्य लक्षणों जैसे कोई भी लक्षण नजर आ रहे हो तो उनसे दूरी बनाकर रखें.

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