नई दिल्लीः वजीराबाद की गली नंबर 11 के एक मकान में जल बोर्ड में काम करने वाला कामेंद्र कुमार बाथम अपने परिवार के साथ किराए पर रहता था. फिलहाल उसका परिवार गांव गया हुआ है. कामेंद्र कानपुर का रहने वाला था. रविवार को अपनी नाईट ड्यूटी खत्म कर घर आया तो दाे दिन से कमरे से बाहर नहीं निकला. जब दो दिनों से ड्यूटी पर नहीं पहुंचा ताे सहकर्मियाें ने फाेन मिलाया. फोन भी स्विचऑफ आ रहा था. तब उसके साथ जल बोर्ड में काम करने वाला साथी उसे ढूंढता हुआ घर पहुंचा.
मकान मालिक के लड़के ने ऊपर जाकर कमरे का बंद दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन नहीं खुला. घटना की सूचना वजीराबाद पुलिस को दी गई. पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दरवाजे तोड़ दिया. अंदर शव पड़ा था. पुलिस ने मामले की पड़ताल करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. शव के पास ही सुसाइड नोट भी मिला. पूछताछ में पता चला कि कामेंद्र का गांव में अपने परिवार के लोगों के साथ प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा था. इसे लेकर वह पिछले काफी समय से तनाव में था. इसीलिए उसका परिवार भी गांव गया हुआ है.
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सुसाइड नोट में उंसने अपनी मौत का जिम्मेवार अपने भाई को ठहराया है. सुसाइड नाेट में लिखा है, कि मेरी मौत का जिम्मेदार मेरा भाई है. मेरे मरने के बाद मेरे पिता मेरे इकलौते लड़के के लिए कुछ ना कुछ कर देंगे. घटना की सूचना मृतक के परिवार के लोगों को दी गयी है. पुलिस मृतक के पास मिले सुसाइड नोट के आधार पर मामले की पड़ताल कर रही है.
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