नई दिल्लीः सिंघु बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को लगातार विभिन्न संगठनों से समर्थन मिल रहा है. इसी कड़ी में रविवार को महिला संगठनों ने आंदोलन के समर्थन में एकजुटता प्रदर्शित करते हुए किसानों से मुलाकात की. प्रगतिशील महिला संगठन की नेता और वकील पूनम कौशिक ने कहा कि केंद्र सरकार तुरंत किसान संगठनों से वार्ता करें.
बड़ी संख्या में शामिल हैं महिलाएं
पूनम कौशिक ने कहा कि किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. ऐसे में महिला संगठनों ने इनसे मुलाकात की. इस दौरान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का महिला किसानों पर होने वाले असर के बारे में जाना और समझा. महिला संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलनकारी किसानों पर किए गए बर्बर दमन, आंसू गैस सहित और अवरोधक खड़े किए जाने की कड़ी निंदा की.
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की
महिला संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार से मांग की कि कृषि कानूनों को अविलंब वापस लिया जाए. पूनम कौशिक ने कहा कि ये कानून भारत की खेती, किसानों का जमीन पर अधिकार और खाद्य सुरक्षा को समाप्त कर देंगे. महिला संगठनों ने केंद्र सरकार से मांग की कि ठेके पर खेती का कानून रद्द किया जाए. महिला संगठनों में भारतीय महिला फेडरेशन की ऐनी राजा, प्रगतिशील महिला संगठन की पूनम कौशिक, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की आशा शर्मा और अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन की ऋतु कौशिक शामिल रहीं.