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महिलाएं नाइट शिफ्ट में कर सकेंगी काम, सुरक्षा पर सवाल

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Published : Feb 5, 2021, 9:54 PM IST

केंद्रीय बजट 2021-22 में महिलाओं के लिए कई एलान किए गए हैं, जिसमें कहा गया कि किसी भी कार्यस्थल पर महिलाओं को किसी भी शिफ्ट में काम करने की आजादी होगी, जिसको लेकर महिलाओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

women expressed concern about safety in night shift
केंद्रीय बजट में महिलाओं के लिए घोषणा, नाइट शिफ्ट में सुरक्षा को लेकर महिलाओं ने जताई चिंता

नई दिल्ली: महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए इस बार केंद्रीय बजट 2021-22 में महिलाओं के लिए कई एलान किए गए हैं. इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि अब महिलाएं किसी भी क्षेत्र में काम कर सकती हैं. इसके साथ ही किसी भी कार्यस्थल पर महिलाओं को किसी भी शिफ्ट में काम करने की आजादी होगी. सरकार की इस घोषणा को कामकाजी महिलाएं कैसे देखती हैं और उनके लिए यह कैसे संभव हो सकता है आइए जानते हैं.

नाइट शिफ्ट में सुरक्षा को लेकर महिलाओं ने जताई चिंता
नाइट शिफ्ट में सुरक्षा की बड़ी चुनौती
इस समय पूरे देश में सबसे बड़ा मुद्दा जो साल दर साल बना रहता है, वह महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा है. ऐसे में सरकार की तरफ से महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में भी काम करने की आजादी सुरक्षा पर क्या प्रभाव डाल सकती है? इसको लेकर मेडिकल की छात्रा अंजना ने कहा कि सरकार की तरफ से यह सही फैसला लिया गया है और यह घोषणा महिला सशक्तिकरण के लिए बेहतर कदम है. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इसमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर है, क्योंकि जहां कई बार महिलाएं दिन में भी सुरक्षा के अभाव में रहती हैं. वह नाइट शिफ्ट में कितनी सुरक्षित रहेंगी. सरकार को इस पर गंभीर विचार करना होगा.
जिम्मेदारियों के चलते नाइट शिफ्ट संभव नहीं
इसके साथ ही मॉर्निंग शिफ्ट में काम करने वाली रश्मि ने कहा कि सरकार की तरफ से यह गलत घोषणा की गई है. उन्हें नहीं लगता कि महिलाएं किसी भी शिफ्ट में सुरक्षित होती हैं और भले ही सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कितने भी दावे करें. लेकिन कई बार जो लोग महिलाओं की सुरक्षा में तैनात होते हैं. वहीं उनकी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाते हैं. इसके साथ ही अन्य महिला अंशु अरोड़ा ने कहा कि भले ही सरकार महिलाओं को पूरी सुरक्षा दे दे. बावजूद इसके महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम नहीं कर सकती हैं क्योंकि महिलाओं पर कई अन्य जिम्मेदारियां भी होती हैं. खास तौर पर जो हाउसवाइफ हैं उन्हें घर भी संभालना होता है, ऐसे में नाइट शिफ्ट उनके लिए संभव नहीं है.
इवनिंग और नाइट शिफ्ट में आती है परेशानी
इसके साथ ही मैनेजमेंट फील्ड में पिछले कई सालों से अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रही रश्मिता ने कहा कि सरकार की तरफ से बिल्कुल सही फैसला लिया गया है. हालांकि कई बार इवनिंग और नाइट शिफ्ट में काम करने के दौरान महिलाओं को परेशानी आती है. आने-जाने की परेशानी होती है. हालांकि उन्होंने बताया कि वो अक्सर रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे की शिफ्ट में काम करती हैं. ऐसे में उनके ऑफिस की तरफ से उन्हें पिक एंड ड्रॉप सर्विस भी दी जाती है और ऑफिस में भी काफी कोऑपरेटिव स्टाफ होता है.
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