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इंश्योरेंस बोनस के नाम पर ठगी करने वाली महिला और पुरुष गिरफ्तार

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Published : Aug 29, 2020, 9:19 PM IST

आरोपियो ने 2014 में एक फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी शुरु की थी. 4 साल पहले पहले ये शातिर एक रिटार्यड फौजी को 25 लाख रुपये का चूना लगा चुके थे. क्राइम ब्रांच ने मामले में गूगल से भी मदद ली.

Women and men arrested for cheating in the name of insurance bonus
इंश्योरेंस बोनस के नाम पर करने वाली महिला और पुरुष गिरफ्तार

नई दिल्ली : इंश्योरेंस बोनस के नाम पर लोगों से जालसाजी करने वाले एक गैंग का क्राइम ब्रांच ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने एक युवती सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर इनके पास से काफी सारा सामान बरामद किया गया है. आरोपियों ने उत्तम नगर में रहने सेना के सेवानिवृत्त कर्मचारी से लगभग 25 लाख रुपये की ठगी की थी. इस मामले की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को एक मामूली सा सुराग मिला, जिसकी मदद से पुलिस आरोपियों तक जा पहुंची.

वीडियो रिपोर्ट

अतिरिक्त आयुक्त बीके सिंह के अनुसार वर्ष 2016 में उत्तम नगर थाने में ठगी का एक मामला दर्ज किया गया था. यह वारदात सेना के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के साथ हुई थी. उन्होंने शिकायत में बताया कि फरवरी 2016 में उन्हें इंश्योरेंस का बोनस देने के नाम पर फोन किया गया. उन्होंने 25 लाख रुपये से ज्यादा रकम विभिन्न बैंक खातों में जमा करा दी. इसके बाद उन्हें ठगी का पता चला. यह दोनों कंपनी पीआर इंफ्रा और केएमआई सर्विस थी. रकम लेने के बाद यह लोग फरार हो गए. इस मामले में उत्तम नगर पुलिस को जब कोई सुराग नहीं मिला तो मार्च 2019 में हाईकोर्ट ने इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी थी.

एक सुराग से आरोपियों तक जा पहुंची पुलिस

इस मामले की जांच एसीपी गिरीश कौशिक की देखरेख में इंस्पेक्टर यशपाल सिंह, एसआई अनुज चिकारा और एएसआई दिनेश ने शुरू की. शुरुआती जांच के दौरान उन्हें पता चला कि यह सभी बैंक खाते फर्जी दस्तावेजों पर खोले गए थे. ठगी की रकम को चेक और एटीएम के माध्यम से निकाला गया था.

यह भी पता चला कि बैंक खाते खोलने के दौरान इस्तेमाल किया गया एक ई-मेल आईडी अभी भी चल रहा है. इसकी जानकारी जुटाई गई. क्राइम ब्रांच ने गूगल से इस मामले में मदद ली तो उन्हें आरोपी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा मोबाइल नंबर मिल गया. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने नीतू पाठक को गिरफ्तार कर उसके पास से वह मोबाइल बरामद कर लिया, जिससे ई-मेल आईडी से माल की जा रही थी. उसकी निशानदेही पर बृजभूषण शर्मा को गिरफ्तार किया गया.

फर्जी दस्तावेज बनाती थी युवती

नीतू पाठक ने पुलिस को बताया कि उसका काम फर्जी वोटर कार्ड एवं अन्य दस्तावेज तैयार करना होता था. इसके बाद वह पैन कार्ड के लिए आवेदन करती थी. इन फर्जी दस्तावेजों से ही वह बैंक खाते खोलते थे. वहीं आरोपी ब्रिज भूषण शर्मा लोगों को फोन कर उन्हें जाल में फंसाता था. पुलिस ने इनके पास से एक लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, चार फर्जी वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड और कई अन्य फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह बीते छह साल से इस तरह से ठगी कर रहे हैं.

इंश्योरेंस एवं मोबाइल टावर के नाम पर ठगी

गिरफ्तार किया गया बृजभूषण शर्मा कॉल सेंटर में काम करता था. यहां से नौकरी छोड़ उसने 2014 में दुष्यंत भारद्वाज, कृष्णा शर्मा सौरव और नीतू पाठक के साथ मिलकर एक फर्जी कॉल सेंटर खोलकर ठगी शुरु की. उन्होंने सबसे पहले गाजियाबाद में फर्जी कॉल सेंटर खोला था.

इंश्योरेंस बोनस के अलावा मोबाइल टॉवर लगवाने के नाम पर उन्होंने लोगों को ठगा. गिरफ्तार की गई नीतू पाठक पोस्ट ग्रेजुएट है. वर्ष 2013 में उसकी मुलाकात बृजभूषण शर्मा से हुई थी. इसके बाद से वह उनके साथ ठगी का काम कर रही थी.

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