नई दिल्लीः दिल्ली के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण कर रहे शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश के शिक्षकों और स्कूली छात्रों के हुई बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में शिक्षा निदेशक जहां शिक्षकों को बच्चे के हर उत्तर पर नंबर देने की नसीहत देते नजर आ रहे हैं. वहीं, बच्चों को यह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि यदि किसी सवाल का जवाब न आए, तो उसे खाली छोड़ने के बजाय सवाल ही दोहरा दें, उसके भी नंबर दिए जाएंगे.
शिक्षकों के साथ मीटिंग
वायरल एक वीडियो में शिक्षा निदेशक शिक्षकों के साथ एक मीटिंग लेते नज़र आ रहे हैं. साथ ही शिक्षकों को इस बात के निर्देश दिए जा रहे हैं कि स्कूल से बच्चों को 20 नंबर दिए ही जाएंगे. ऐसे में वह बच्चों को महज 15 नंबर के लिए तैयार कराएं, जिससे वह परीक्षा में कम से कम पास तो हो ही जाएं. साथ ही यह भी कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि अगर बच्चे को अंग्रेज़ी में कोई शब्दावली नहीं आ रही है, तो वह हिंदी में भी उसे लिख सकता है. इसके लिए भी उसे नंबर दिए जाएंगे. इसके अलावा शिक्षकों से यह भी कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि किसी भी प्रश्न के उत्तर में बच्चे ने कुछ भी लिखा हो, तो उसके नंबर उसे जरूर दिए जाएं.
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छात्राओं से बातचीत
वायरल हो रही दूसरी वीडियो में शिक्षा निदेशक सरकारी स्कूल की छात्राओं से बातचीत करते नज़र आ रहे हैं. इस दौरान वह छात्राओं को स्पष्ट तौर पर यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि यदि किसी प्रश्न का उत्तर न आए. तो उसकी जगह खाली न छोड़ें ,बल्कि उस सवाल के जवाब में सवाल ही लिख दें, उसके भी नंबर दे दिए जाएंगे.
शिक्षा की गुणवत्ता से हो रहा है समझौता
इन वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. लोगों के मन में यह संशय है कि क्या सरकारी स्कूलों का सौ फीसदी परीक्षा परिणाम देने का तमगा हासिल करने के लिए शिक्षा निदेशक गुणवत्ता से समझौता करने से नहीं चूक रहे? बता दें कि सरकारी स्कूलों के बोर्ड का कोई छात्र परीक्षा में असफल न हो, इसको लेकर शिक्षा निदेशक और डीडीई द्वारा शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही विषयवार सैंपल पेपर प्रैक्टिस करवाए जा रहे हैं. इसके अलावा जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम कम रहा, उनके लिए अकादमिक ऑडिट भी करवाया जा रहा है.