नई दिल्ली : उन्नाव रेप मामले (unnao rape case) के दोषी और बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (kuldeep singh sengar) ने मंगलवार को रेप पीड़िता और उसके वकील के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश रचने के आरोपों से मुक्त होने के बाद दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में बेल बांड (Bail bond Rouse Avenue Court) भरा. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस मामले के बाकी आरोपियों के सांसद या विधायक नहीं होने की स्थिति में इस केस को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भेज दिया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट इस मामले पर 22 दिसंबर को सुनवाई करेंगे.
आज कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकु सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह ने 10-10 हजार रुपये का बेल बांड भरा. इन आरोपियों को कोर्ट ने 20 दिसंबर को आरोपों से मुक्त कर दिया था. कोर्ट ने इस मामले के आरोपी आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 279, 338, 304-ए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपियों विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506(2) और 34 के तहत आरोप तय किया.
कोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट एमपी-एमएलए के खिलाफ सुनवाई करने वाली स्पेशल कोर्ट है. अब पांच आरोपियों के आरोप मुक्त होने के बाद इस मामले के बचे आरोपियों में से कोई सांसद या विधायक नहीं है. कोर्ट ने आरोपियों विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह, आशीष कुमार पाल और नवीन सिंह को निर्देश दिया कि वे 22 दिसंबर को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हों, जहां चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट इस मामले के क्षेत्राधिकार पर विचार कर केस को ट्रांसफर करेंगे.
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जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके परिजनों और उसके वकील को लेकर जा रही कार को टक्कर मार दी थी. उस हादसे में रेप पीड़िता के दो परिजनों की मौत हो गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 12 लोगों को इस हादसे की साजिश रचने का आरोपी बनाया गया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस हादसे में किसी भी आपराधिक साजिश का साक्ष्य नहीं मिला है.
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20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने उम्र कैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था. तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.