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उमर खालिद ने कोर्ट में कहा- झूठे बयान के आधार पर मुझे फंसाया गया

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Published : May 24, 2022, 8:16 PM IST

दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद ने कहा है कि उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट आधारहीन है और उसे केवल एक संरक्षित गवाह के झूठे बयान पर फंसाया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से ये दलील रखी गई.

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दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद

नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी उमर खालिद ने कहा है कि उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट आधारहीन है और उसे केवल एक संरक्षित गवाह के झूठे बयान पर फंसाया गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से ये दलील रखी गई. जमानत याचिका पर सुनवाई कल यानि 25 मई को भी सुनवाई जारी रहेगी.

सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पेस ने कहा कि उसे बांड नामक एक संरक्षित गवाह के झूठे बयान के आधार पर फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि बांड का बयान उमर खालिद की गिरफ्तारी से एक महीने पहले दर्ज किया गया था. पेस ने कहा कि बांड के बयान से दिल्ली में हुई हिंसा का कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन इसी बयान की वजह से उमर खालिद को दो सालों से जेल में रखा गया है.

23 मई को पेस ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करनेवाले भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे भारत की संप्रभूता के लिए कोई खतरा नहीं हैं. पेस ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने का मुख्य मकसद देश की एकता और अखंडता की रक्षा था. कोर्ट ने पेस से पूछा था कि क्या प्रदर्शनकारियों ने देश के नागरिकों के मन में असुरक्षा की भावना भर दी, तो पेस ने कहा था कि हर चीज को आतंकी गतिविधि की तरह बताने की दलील से कोर्ट को बचना चाहिए.

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दिल्ली हाईकोर्ट

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20 मई को सुनवाई के दौरान पेस ने कहा था कि क्रांतिकारी शब्द का इस्तेमाल असंवैधानिक नहीं है. त्रिदिप पेस से जब कोर्ट ने इंकलाब और क्रांतिकारी शब्द पर सवाल पूछा था तो पेस ने कहा था कि इंकलाब और क्रांतिकारी शब्द का इस्तेमाल असंवैधानिक नहीं है. पेस ने कहा था कि उमर खालिद ने अमरावती में जो भाषण दिया उसमें हिंसा का आह्वान नहीं था. उमर खालिद के भाषण के दौरान पूरी भीड़ शांति से बैठी थी और भीड़ उत्तेजित भी नहीं हुई थी.

24 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद समेत दूसरे आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में टेरर फंडिंग हुई थी. स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कहा कि इस मामले के आरोपी ताहिर हुसैन ने काला धन को सफेद करने का काम दिया। अमित प्रसाद ने कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा के दौरान 53 लोगों की मौत हुई. इस मामले में 755 एफआईआर दर्ज किए गए हैं. उमर खालिद को 13 सितंबर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था. 17 सितंबर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 16 सितंबर 2020 को स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल किया था.

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