नई दिल्ली : शाहदरा साइबर पुलिस ने गुजरात से लेकर झारखंड तक फैले ऑनलाइन ठगी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. यह गिरोह बैंक केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देकर अकाउंट से पैसे उड़ा लिया करता था. पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड को झारखंड से और उसके दो सहयोगियों को गुजरात से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सूरत निवासी प्रवेश शर्मा, बृजेश कुमार और झारखंड के गिरिडीह निवासी कैलाश कुमार मंडल के तौर पर हुई है.
डीसीपी आर. साथिया सुंदरम ने बताया कि शाहदरा में रहने वाले ललित रस्तोगी ने शाहदरा साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पास एक एसएमएस आया था. इस SMS में एक लिंक भी दिया गया था. मैसेज में लिखा गया था कि अगर बैंक का केवाईसी अपडेट कराना है तो इस लिंक को क्लिक करें. लिंक को क्लिक करते ही उसके पास एक ओटीपी आया. इसके थोड़ी देर बाद ही एक कॉल भी आई. कॉलर ने अपने आप को बैंक अधिकारी बताकर उनसे ओटीपी पूछा. जैसे ही उसने ओटीपी बताया. उसके अकाउंट से बारी-बारी से 10 लाख रुपए निकाल लिए गए.
पैसे निकलने का मैसेज आते ही पीड़ित समझ गया कि उसके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. उसने फौरन थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने पीड़ित की शिकायत दर्ज करके मामले की तफ्तीश शुरू की. साइबर इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि खाते से पैसे दो क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर किए गए हैं. जांच में दोनों क्रेडिट कार्ड सूरत के रहने वाले प्रवेश मिश्रा के नाम पर रजिस्टर्ड हैं. जिसके बाद पुलिस ने बैंक से प्रवेश मिश्रा का पता निकाला और गुजरात के सूरत से प्रवेश मिश्रा और उसके साथी बृजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
जांच में पता चला कि चीटिंग का यह पैसा यह दोनों 30 परसेंट रखते थे. बाकी 70 परसेंट पैसा झारखंड के गिरिडीह में रहने वाले कैलाश कुमार मंडल को ट्रांसफर कर देते थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कैलाश कुमार मंडल इस गिरोह का सरगना है. जिसके बाद एक टीम झारखंड के गिरिडीह भेजी गई. वहां से कैलाश कुमार मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 8 डेबिट कार्ड, 4 क्रेडिट कार्ड, 7 मोबाइल और कुछ डायरियां बरामद हुई हैं. जिसमें ठगी का लेखा जोखा दर्ज है. पुलिस ने इनके 19 बैंक अकाउंट भी सीज किए हैं. जिससे पता चला है कि इस गिरोह ने अब तक ढाई करोड़ से ज्यादा की ठगी की है. पुलिसिया पूछताछ में इस गिरोह ने खुलासा किया कि वह अलग-अलग माध्यम से लोगों के क्रेडिट कार्ड का डिटेल निकालते थे. फिर उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए एक लिंक भेज देते थे. इसके बाद फोन करके पीड़ित को केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देते थे. केवाईसी अपडेट के लिए लिंक क्लिक करते ही एक ओटीपी प्राप्त होता था. पीड़ित से ऑटोपी पूछकर उसके अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कर लिया जाता था. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करके आरोपियों को जेल भेज दिया है.