नई दिल्ली: सिख सियासत में बड़ा नाम और दिल्ली गुरुद्वारा चुनावों में अपनी साख जमाने वाले शिरोमणि अकाली दल (बादल) में अब टूट की चर्चाएं तेज हो गई हैं. अकाली दल के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा द्वारा पार्टी के समानंतर एक नई पार्टी शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) खड़ी करने से 2021 में होने वाले गुरुद्वारा कमिटी के चुनावों में तीन फ्रंट बनने की बात भी कही जा रही है.
खास बात है कि गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी के भी ढींढसा के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं.
ढींढ़सा द्वारा नई पार्टी के ऐलान के बाद बादल इकाई के कई नेताओं के पाला बदलने की खबरें जोरों पर हैं. खासकर वो नेता जो भविष्य में पार्षद और विधायक बनना चाहते हैं वो इस नई पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं. ये वही नेता हैं जिनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पिछले चुनावों में लड़ने की भी थी लेकिन उनके दल के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के साथ ही उनकी संभावनाओं पर भी ब्रेक लग गया था.
पंजाब चुनाव में मिल सकता है फायदा
फरवरी 2021 में होने वाले गुरुद्वारा कमिटी के चुनावों में अब तक मुख्यत बादल और सरना खेमा ही विकल्प था लेकिन ढींढसा की पार्टी को लोग एक और विकल्प के रूप में देख रहे हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मनजीत सिंह जी के की जागो पार्टी ने उन्हें अपना पूरा समर्थन दिया है. उधर चर्चाएं हैं कि बादल खेमे की भाजपा से भी नहीं बन रही है. ढींढसा के भाजपा के कई नेताओं से करीबी रिश्ते हैं और पंजाब चुनाव में उन्हें इसका फायदा मिल सकता है. हालांकि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के चुनाव इनकी पहली सीढ़ी होगी.