नई दिल्ली: 'स्वच्छ भारत मिशन' के दृष्टिकोण के तहत एनडीएमसी क्षेत्र में स्थित सभी कियोस्क को परिषद् ने सौंदर्यकारी रूप देने का फैसला किया है. इन कियोस्क को टेराज़ो फर्श और टेराज़ो दीवार के साथ ग्रेनाइट और टाइलों के उपयोग के साथ पूर्ण आरसीसी संरचना द्वारा विकसित किया जाएगा. ये कियोस्क पूरी तरह से विद्युत फिटिंग के साथ उपलब्ध होंगे. इन कियोस्क की खासियत यह है कि ये पूरी तरह से मेंटिनेंस फ्री होंगे. केवल एक सामान्य धुलाई के माध्यम से ही इसे आसानी से साफ किया जा सकता है और इसके लिए किसी अन्य विशेष रखरखाव की आवश्यकता नहीं होगी.
एनडीएमसी उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि एनडीएमसी क्षेत्र में मौजूदा कियोस्क 50 वर्ष पुराने हो गए हैं और नई दिल्ली क्षेत्र की समरूपता और सौंदर्यकारी रूप को बनाए रखने के लिए सभी कियोस्क का पुनर्विकास करना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि पहले चरण में 6x6 फीट के आकार में पुनर्विकसित 30 कियोस्क को एक नया रूप मिलेगा और उसके बाद 200-250 कियोस्क का पुनर्विकास किया जाएगा.
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उपाध्याय ने बताया कि एनडीएमसी ने रफी मार्ग पर कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पहला ऐसा आदर्श कियोस्क बनाया और अब इस वित्तीय वर्ष में सभी कियोस्क का पुनर्विकास किया जाएगा। कियोस्क के बाहर डिस्प्ले पैनल का भी प्रावधान किया गया है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इस पर विज्ञापन लगाया जा सके. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक कियोस्क के पुनर्विकास की अनुमानित लागत करीब 11 लाख रुपए होगी. इस अनूठी संरचना में न केवल अच्छी गुणवत्ता वाला आरसीसी स्टोन होगा, बल्कि तीन तरफ से साइड ओपन कियोस्क का भी प्रावधान होगा.
उपाध्याय ने कहा कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री द्वारा 2015-16 के दौरान पहले से ही स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की है. हमारा उद्देश्य नई दिल्ली के क्षेत्र के हर कोने-कोने को सुशोभित करना है. चाहे वह खोखे, फुटपाथ, सड़कें या पार्कों और उद्यानों का सौंदर्यीकरण हो. उन्होंने कहा कि इसके पीछे एनडीएमसी का उद्देश्य आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में 5 स्टार से 7 स्टार रैंकिंग हासिल करना भी है और इसलिए यह पहल न केवल नई दिल्ली क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को बढ़ाती है, बल्कि सभी कियोस्को को एक अद्वितीय, समान - मानक और आधुनिक रूप प्रदान भी करती है.
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