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शिक्षक दिवस पर शिक्षकों ने भीख मांग कर जताया विरोध, कहा- कोरोना काल में नौकरी से निकाला

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Published : Sep 5, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 9:27 PM IST

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शिक्षकों ने भीख मांग कर जताया विरोध

शिक्षक दिवस के मौके पर जहां एक तरफ हर कोई अपने शिक्षकों को बधाई दे रहा है. वहीं, दूसरी तरफ दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी में शिक्षकों ने नौकरी से निकाले जाने के बाद भीख मांगते हुए अपना विरोध जताया. गोविंदपुरी गुरुद्वारे के बाहर शिक्षक तबला और गिटार बजाते हुए नजर आए और भीख मांगकर अपनी स्थिति दिखाने की कोशिश की.

नई दिल्ली: राजधानी से शिक्षक दिवस के मौके पर जो तस्वीर सामने आई है वो वाकई में हैरान कर देने वाली है, जरा सोचिए कि आज पूरा देश अपने गुरुओं को नमन कर रहा है, वहीं दिल्ली में गुरुओं की हालत ये हो गई है की भीख मांगकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने ईटीवी भारत को बताया कि वह दक्षिण दिल्ली स्थित इंडियन स्कूल में पढ़ाते थे, लेकिन साल 2020 में उन्हें स्कूल ने बिना किसी वजह के नौकरी से निकाल दिया. स्कूल की तरफ से कहा गया कि अभी उन्हें शिक्षक की आवश्यकता नहीं है, जब आवश्यकता होगी तो वह उन्हें दोबारा से नौकरी पर रखा जाएगा. करीब डेढ़ साल हो बीत चुका है अभी तक नौकरी बहाल नहीं की गई है.



शिक्षकों ने कहा कि द इंडियन स्कूल में पिछले करीब 7 सालों से पढ़ा रहे थे, लेकिन स्कूल की तरफ से बिना किसी नोटिस के उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. उन्होंने बताया उनके परिवार में कमाने वाले वह एक ही है उनका एक बच्चा भी है. ऐसे में जैसे तैसे वह अपना चला पा रहे हैं. किसी दूसरे स्कूल में भी उन्होंने शिक्षक के तौर पर आवेदन दिया, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया वहीं, गिटार बजाकर अपना विरोध जता रहे अन्य शिक्षक एंथोनी डिकोस्टा ने बताया कि वह इंडियन स्कूल में पिछले करीब 13 सालों से पढ़ा रहे थे और वहां पर वह एक परमानेंट टीचर थे, लेकिन स्कूल में बिना कोई कारण बताए सीधे तौर पर टर्मिनेट कर दिया.

शिक्षकों ने भीख मांग कर जताया विरोध
शिक्षकों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही है. किसी भी छात्र की ऑनलाइन क्लास नहीं बंद कराई गई और इसके लिए अभिभावकों से फीस भी ली जा रही है, लेकिन हम शिक्षकों को यह तर्क दिया जाता है कि ऑनलाइन क्लास के लिए छात्र नहीं है, इसीलिए आप की आवश्यकता नहीं है. विरोध कर रहे शिक्षकों ने कहा कि नौकरी से निकाले जाने के बाद उनके पास अब कोई काम नहीं है. इसको लेकर कई जगह शिकायत भी की गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला.यह विरोध प्रदर्शन क्रांति अगेंस्ट करप्शन NGO के बैनर तले किया गया. इसके लेकर NGO के अध्यक्ष हितेश कौशिक ने कहा कि जितने भी प्राइवेट स्कूल राजधानी दिल्ली में चलाए जा रहे हैं. ,वे सरकार की जमीन पर चल रहे हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूल मौजूदा समय में शिक्षा का व्यापार कर रहे हैं, जबकि शिक्षा व्यापार नहीं है और जो शिक्षक छात्रों को शिक्षा देता है वह कोई खिलौना नहीं है दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा है कि शिक्षा को व्यापार नहीं बनाया जा सकता, ऐसे में इन स्कूलों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.

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Last Updated :Sep 6, 2021, 9:27 PM IST
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