नई दिल्ली: चीन के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा से स्पेशल सेल की टीम लगातार पूछताछ कर रही है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि राजीव शर्मा किन अधिकारियों से दस्तावेज लेता था. सूत्रों की माने तो गृह एवं विदेश मंत्रालय के कुछ अधिकारियों पर भी इस जासूसी कांड की आंच आएगी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय से भी स्पेशल सेल मदद ले रही है.
जानकारी के अनुसार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को स्पेशल सेल ने बीते 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था. पीतमपुरा स्थित उनके घर से कुछ खुफिया दस्तावेज भी बरामद किए गए थे, जिनके बारे में रक्षा मंत्रालय से जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस ने सोमवार को राजीव शर्मा को अदालत के समक्ष पेश कर 7 दिन की रिमांड पर लिया है, ताकि पूरे जासूसी कांड से पर्दा हटाया जा सकें. अभी तक इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार हैं, लेकिन जल्द ही कुछ अन्य गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
अधिकारियों की भूमिका को लेकर जांच
स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि पत्रकार राजीव शर्मा के पास पीआईबी कार्ड था. वह रक्षा, गृह एवं विदेश मंत्रालय में अकसर जाता था. उसने चीन इंटेलिजेंस से जुड़े लोगों को जो दस्तावेज दिए हैं, वह इन्हीं मंत्रालय से संबंधित थे. इसलिए स्पेशल सेल राजीव शर्मा से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह इन दस्तावेज को किन अधिकारियों से लेकर आता था. किसी अधिकारी को वह इसके लिए किसी प्रकार की कीमत तो नहीं चुकाता था. इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय से दस्तावेजों की जांच करवाई जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि यह दस्तावेज कितने संवेदनशील थे.
जल्द होंगी कुछ अन्य गिरफ्तारियां
स्पेशल सेल सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अभी केवल शुरुआती जांच हुई है. जिस तरह से जांच आगे बढ़ेगी इसमें कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी होगी. भारत और चीन के बीच चल रही अनबन के बीच इस तरह से खुफिया दस्तावेज उन्हें पहुंचाना बेहद गंभीर अपराध है. इसलिए स्पेशल सेल सभी कोण को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है.