ETV Bharat / city

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवसः 60 हजार लोगों को नशे से दूर कर चुकी है SPYM

author img

By

Published : Jun 26, 2020, 11:21 AM IST

SPYM rescues addicts of over 60 thousand people
नशे की लत ड्रग्स मानव तस्करी सुबिमल बनर्जी बच्चे महिलाएं

SPYM संस्था के डायरेक्टर डॉक्टर राजेश की देखरेख में इसके सभी केंद्रों पर उन लोगों को ट्रीटमेंट दिया जाता है जो नशे की लत में पड़कर अपना जीवन खराब कर रहे हैं. ऐसे लोगों को उनके केंद्र में लाया जाता है और यहां पर उनकी काउंसलिंग कर और दवा देकर उन्हें नशे से दूर किया जाता है. आमतौर पर 3 महीने के बाद अधिकांश लोग नशे से दूर हो जाते हैं. SPYM संस्था 60 हजार से ज्यादा लोगों को अब तक नशे से दूर कर चुकी है.

नई दिल्ली: देशभर में जहां नशा लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं ऐसी संस्थाएं भी सामने आ रही हैं जो लोगों को नशे से दूर करने का काम करती हैं. सोसायटी फॉर प्रमोशन ऑफ यूथ एंड मासेस (SPYM) ऐसी ही एक संस्था है. ये संस्था अब तक 60 हजार से ज्यादा लोगों को नशे की लत से दूर कर चुकी है.

'ड्रग्स और मानव तस्करी के जुड़े हैं तार'

दिल्ली समेत देशभर में SPYM के ग्यारह सेंटर हैं, जहां नशे की लत से लोगों को दूर करने का इलाज दिया जाता है. हैरानी की बात यह है कि वह छह साल के बच्चे को भी ट्रीटमेंट दे चुके हैं. SPYM के वसंत कुंज स्थित सेंटर के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबिमल बनर्जी ने बताया कि यह संस्था वर्ष 1985 से लोगों के बीच नशा छुड़वाने का काम कर रही है. दिल्ली में उनके 6 केंद्र हैं, जबकि दिल्ली से बाहर चंडीगढ़, गुवाहाटी, जम्मू, श्रीनगर और दार्जिलिंग में एक-एक केंद्र है.

SPYM rescues addicts of over 60 thousand people
SPYM का प्रोजेक्ट

संस्था के डायरेक्टर डॉक्टर राजेश की देखरेख में इन सभी केंद्रों पर उन लोगों को ट्रीटमेंट दिया जाता है जो नशे की लत में पड़कर अपना जीवन खराब कर रहे हैं. ऐसे लोगों को उनके केंद्र में लाया जाता है और यहां पर उनकी काउंसलिंग कर और दवा देकर उन्हें नशे से दूर किया जाता है. आमतौर पर 3 महीने के बाद अधिकांश लोग नशे से दूर हो जाते हैं.

SPYM rescues addicts of over 60 thousand people
रेस्क्यू सेंटर में मरीजों के लिए सुविधाएं
'6 से 12 साल के बच्चे कर रहे नशा'

सुबिमल बनर्जी ने बताया कि दिल्ली में बच्चों के बीच में नशे की लत काफी बढ़ रही है. पहले जहां 18 से 22 साल के युवा उनके केंद्र में उपचार के लिए लाए जाते थे तो वहीं अब 6 से 12 साल के बच्चे नशे के चलते यहां लाए जा रहे हैं.

कुछ ही समय पहले उनके यहां दिल्ली गेट इलाके से एक 6 साल का बच्चा आया था. यह बच्चा पहले गांजे का नशा करता था और बाद में स्मैक का नशा करने लगा. इस नशे की पूर्ति के लिए वह चोरी की वारदातों को अंजाम देता था. उनके पास जब उस बच्चे को लाया गया तो उसने बताया कि उसे इस बात का पता ही नहीं है कि वह अपराध करता है. इस छोटे बच्चे को यहां पर काउंसलिंग देने के साथ ट्रीटमेंट दिया गया, जिसके बाद उस बच्चे ने नशे से दूरी बना ली है.

'महिलाएं भी नशे की गिरफ्त में आ रही'

सुबिमल बनर्जी ने बताया कि दिल्ली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी नशे की चपेट में आ रही हैं. उनके पास काफी मामले आते हैं, जिनमें महिलाएं बीड़ी से शुरुआत कर गांजा और स्मैक का नशा कर रही हैं. यह महिलाएं बेहद गरीब परिवार की होती हैं. ऐसी महिलाओं को उनके केंद्र में ट्रीटमेंट दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि आमतौर पर जहां पुरुष अपना गुस्सा बाहर निकाल देते हैं तो वहीं महिलाएं अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं. उन्हें बचपन से बातों को सहना सिखाया जाता है. ऐसे में कई बार वह नशे के रास्ते पर चली जाती हैं. ऐसी काफी महिलाएं उनके केंद्र में आकर ट्रीटमेंट ले चुकी हैं और अब वे सामान्य जीवन जी रही हैं.

'ड्रग्स और मानव तस्करी के जुड़े हैं तार'

सुबिमल बनर्जी ने बताया कि ड्रग्स और मानव तस्करी करने वालों के तार आपस में जुड़े होते हैं. उनके लिए बच्चों और महिलाओं को पहले नशे की लत में डालना आसान होता है. एक बार जब वह नशे के आदी हो जाते हैं तो उनका इस्तेमाल मानव तस्करी के लिए किया जाता है. इनके लिए महिला और बच्चे सॉफ्ट टारगेट होते हैं. यही वजह है कि छोटे बच्चों और महिलाओं में नशे का चलन बढ़ रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.