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बादल गुट ने लहराया तीसरी बार परचम

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Published : Aug 25, 2021, 7:46 PM IST

Updated : Aug 25, 2021, 8:00 PM IST

DSGMC चुनाव में मतों की गिनती बुधवार सुबह 8 बजे से शुरू हो गई थी. दोपहर तक नतीजे आने शुरू हो गए. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, शिरोमणी अकाली दल बादल को दो-तिहाई बहुमत मिलने जा रहा है. वहीं, पार्टी के ही उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा को हार का सामना करना पड़ा.

DSGMC चुनाव बादल गुट की जीत
DSGMC चुनाव बादल गुट की जीत

नई दिल्लीः दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) चुनाव में शिरोमणी अकाली दल बादल ने फिर से पताका फहरायी है. पार्टी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है. वहीं, 46 सीटों वाली DSGMC चुनाव में तीसरी बार जीत का ताज पहना है. शिरोमणी अकाली दल बादल को 27 सीटें मिली हैं. शिरोमणी अकाली दल दिल्ली को 14 सीटें मिली हैं, जबकि 3 सीटें जागो पार्टी के हाथ आई है. 1 स्वतंत्र उम्मीदवार ने भी जीत दर्ज की है.

वहीं, इस चुनाव में एक बड़ा उलटफेर हुआ है. शिरोमणी अकाली दल बादल के प्रत्याशी मनजिंदर सिंह सिरसा पंजाबी बाग से चुनाव हार गए हैं. उनको शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के प्रत्याशी सरदार हरविंदर सिंह सरना से 500 से अधिक वोटों से हरा दिया है. बता दें कि अभी वोटों की गिनती का काम चल रहा है.

कितना हुआ था मतदान

DSGMC चुनाव के लिये रविवार को मतदान हुआ था. गुरुद्वारा चुनाव निदेशालय की ओर से दिल्ली की कुल 5 जगहों पर स्ट्रॉन्ग रूम बनाए गए थे, जहां बुधवार को वोटों की गिनती हुई. इस बार चुनाव में कुल 3,42,065 वोटर में से 1,27,472 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. इस बार सबसे अधिक वोटिंग परसेंटेज पंजाबी बाग वार्ड का रहा, जहां कुल 54.10 फीसदी मतदान हुआ. इनमें कुल 3,819 लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं, श्याम नगर इलाके में सबसे कम 25.18 फीसदी मतदान हुआ. यहां कुल 1,911 लोगों ने वोट किया.

इस चुनाव में कुल 46 वार्डों में 312 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला हुआ था. कुल मतदान 37.27 फ़ीसदी रहा. साल 2017 की तुलना में इस बार का मतदान काफी सुस्त रहा. उस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत का कुल आंकड़ा 45.61 फ़ीसदी रहा था. जबकि 3,83,561 वोटरों में से 1,75,221 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. लोगों के घरों से नहीं निकलने के पीछे का कारण, इस बार कोरोना और रक्षाबंधन बताया जा रहा था.

इस बार के ये रहे थे मुद्दे

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनावों के लिए अस्पताल का मुद्दा कोई नया मुद्दा नहीं है. सालों से इसी मुद्दे को आधार बनाकर चुनाव लड़ा जा रहा है. कहा जाता है कि सरदार परमजीत सिंह सरना से दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष पद की गद्दी बाला साहेब गुरुद्वारा परिसर में प्रस्तावित अस्पताल के चलते गई थी.

इसके बाद कमेटी अध्यक्ष पद संभाल रहे मनजिंदर सिंह सिरसा ने अस्पताल बनाने का दावा किया था. वह उद्घाटन की तारीख भी तय कर चुके थे. आचार संहिता के चलते इस पर रोक लग गई. अस्पताल बनने और चलाने को लेकर जद्दोजहद करीब दो दशक पुरानी है. साल 2017 और इससे पहले साल 2013 में भी इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ा गया था.

मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर राज कर रहा. पहले सरदार मनजीत सिंह जीके इसी दल से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष थे, लेकिन भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया था. सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा भ्रष्टाचार के मामले में तमाम आरोपों से घिरे हुए रहे. गुरु की गोलक चोरी, पैसों की हेरफेर, धर्म की गलत जानकारी और धर्म प्रचार में फेल साबित होने जैसे तमाम आरोप उन पर लगते रहे.

वहीं, कमेटी के अधीन चल रहे शैक्षिक संस्थानों में कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलने की समस्या और गुरु की गोलक खाली होने के पीछे भी पार्टियां एक दूसरे से सवाल पूछती रहीं. लाखों-करोड़ों की गुरु घर की सेवा का पैसा आखिर जा कहां रहा है. आने वाले दिनों में इस समस्या का समाधान कैसे होगा. इसको लेकर उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था.

जानें किसको मिला ताज, किसकी हुई रुखसत

  • पंजाबी बाग से शिरोमणी अकाली दल बादल के मनजिंदर सिंह सिरसा चुनाव हारे.
  • ग्रेटर कैलाश से जागो पार्टी के प्रधान मनजीत सिंह जीके जीते.
  • नवीन शाहदरा सीट से शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के कुलवंत सिंह बाठ से चुनाव हारे.
  • संतगढ़ से जागो पार्टी दिल्ली के अध्यक्ष चमन सिंह चुनाव हारे.
  • त्रिनगर से शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के गुरमीत सिंह संटी हारे.
  • फतेहनगर से शिरोमणी अकाली दल बादल के अमरजीत सिंह पप्पू ने पहना जीत का सहरा.
  • वजीरपुर वार्ड दो से शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के सुखबीर कालरा विजयी रहे.
  • दिलशाद गार्डन से बलबीर सिंह ने फहराया जीत का परचम.
  • पीतमपुरा से शिरोमणी अकाली दल बादल के महेंद्र पाल सिंह जीते.
  • शकूर बस्ती वार्ड आठ से शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के बलदेव सिंह जीते.
  • रोहिणी वार्ड एक से शिरोमणी अकाली दल बादल के सरबजीत सिंह विर्क जीते.
  • सरिता विहार से शिरोमणी अकाली दल बादल के गुरप्रीत सिंह जस्सा को मिली जीत.
  • किशनपुरा वार्ड 4 से मोहिंदर पाल सिंह चड्ढा जीते.
  • जंगपुरा वार्ड से तरविंदर सिंह मारवाह बड़े मार्जिन से चुनाव जीत गए.
  • रोहिणी से शिरोमणी अकाली दल बादल के प्रत्याशी सर्वजीत सिंह विर्क ने जीत दर्ज की.
  • कनॉट प्लेस वार्ड से शिरोमणि अकाली दल बादल के प्रत्याशी अमरजीत सिंह पिंकी जीते.
  • लाजपत नगर वार्ड से शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के प्रत्याशी जतिंदर सिंह साहनी चुनाव जीत गए.

DSGMC का रहा है लंबा इतिहास

साल 1971 में संसद द्वारा पास किए गए दिल्ली सिख गुरुद्वारा एक्ट के तहत चलने वाली दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का एक लंबा इतिहास है. साल 1971 में इसके सबसे पहले प्रधान सरदार संतोष सिंह थे, जो मौजूदा समय में जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के पिता थे. मौजूदा प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा कमेटी के 33वें प्रधान हैं.

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सिख संगत के बड़े नेता माने जाने वाले सरदार संतोष सिंह को साल 1971 में गोली मार दी गई थी. कमेटी में मुख्य तौर पर शिरोमणि अकाली दल (बादल) और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली का राज रहा है. जत्थेदार मनजीत सिंह जीके ने परमजीत सिंह सरना सहित कई को दिल्ली कमेटी के प्रधान और जनरल सेक्रेटरी बनाते हुए संगतों की 32 साल तक सेवा की. साल 2013 में बादल दल ने पंथ के लिए उनके पिता के योगदान और उनकी साफ-सुथरी छवि को देखते हुए जीके को दिल्ली कमेटी का प्रधान बनाया था.

साल 2013 से पहले परमजीत सिंह सरना दिल्ली कमेटी के अध्यक्ष थे. उनकी पार्टी शिरोमणि अकाली दल दिल्ली ने सालों तक दिल्ली कमेटी पर राज किया. इस हार के पीछे उस अस्पताल के मुद्दे को जिम्मेदार ठहराया गया, जिसे बेचने का आरोप सरना पर लगा. उसी के बाद से अस्पताल को शुरू करने की कोशिश तो हुई लेकिन अब तक पूरी नहीं हो पाई.

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साल 2013 के अपने पहले कार्यकाल में ही जीके के सिर विरोधियों ने कई भ्रष्टाचार के आरोप थोपे. पहले कार्यकाल के बाद भी हालांकि, जीके नेतृत्व में बादल दल ने ही चुनाव जीता और साल 2017 में एक बार फिर मनजीत सिंह जीके को बागडोर मिली. इस बार विरोधियों के आरोप के साथ मनजीत सिंह जीके के खिलाफ कुछ ऐसी स्थिति पैदा हुई कि जीके को 2018 में पद से इस्तीफा देना पड़ा.

साल 2019 से मनजिंदर सिंह सिरसा ने महासचिव हरमीत सिंह कालका संग जिम्मेदारी संभाली. इस बीच मनजीत सिंह जीके ने बादल दल छोड़ अपनी अलग पार्टी बनाई और अब इसी पार्टी (जागो) पार्टी के बैनर तले चुनाव जीते हैं.

मौजूदा समय में चुनावों में अस्पताल का मुद्दा एक बाद मुद्दा रहा है. इसी के साथ मौजूदा प्रबंधन पर गुरु की गोलक चोरी का आरोप लगा. गुरु की गोलक चोरी का आरोप नया नहीं है, लेकिन मौजूदा समय में इन्हीं दो प्रमुख मुद्दों पर चुनाव लड़ा गया है. चुनावी नतीजों के बाद ही अब तय होगा कि दिल्ली कमेटी की बागडोर अब किसके हाथ जाएगी.

इन जगहों पर बनाये गए थे स्ट्रॉन्ग रूम

  • आर्यभट्ट पॉलिटेक्निक, जीटी रोड
  • आईटीआई, तिलक नगर जेल रोड
  • बीटीसी पूसा
  • आईटीआई खिचड़ीपुर
  • आईटीआई विवेक विहार
Last Updated : Aug 25, 2021, 8:00 PM IST
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