नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी शरजील इमाम के खिलाफ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिए गए भाषणों के मामले में सुनवाई के दौरान शरजील इमाम के वकील के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी.
दरअसल, अभियोजन पक्ष के कुछ गवाहों का बयान दर्ज किया जाना था. उन गवाहों का क्रास-एग्जामिनेशन शरजील इमाम के वकील की ओर से किया जाना था. लेकिन शरजील इमाम क वकील कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. सुनवाई के दौरान पेश शरजील इमाम ने भी अपने वकील की अनुपस्थिति के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के वकील के उपस्थित नहीं होने की वजह से अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए जा सके.
28 मार्च से से अभियोजन पक्ष की ओर से साक्ष्यों को दर्ज करने का काम शुरू किया गया था. चार फरवरी को दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. 24 जनवरी को कोर्ट ने शरजील की एक मामले में जमानत याचिका खारिज कर दिया था. कोर्ट ने 24 जनवरी को ही शरजील इमाम के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है.
24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पहली पूरक चार्जशीट दाखिल किया गया था. पहली पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395,419,420,427,435,436,452,454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी एक्ट की धारा तीन और चार के तहत आरोप लगाए गए हैं.
ये भी पढ़ें : पेपरलेस होगी दिल्ली विधानसभा, विधायकों को दिया जाएगा टेबलेट
चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया, जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा। बता दें कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.