नई दिल्ली: बढ़ती गर्मी के बीच राजधानी में कोरोना के मरीजों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है. हालांकि, इस बीमारी के शुरुआत में कई बार यह दावा किया गया था कि बढ़ता तापमान कोरोना पर लगाम लगाएगा, लेकिन अब हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. इस मसले पर हमने वरिष्ठ डॉक्टर गिरीश त्यागी से इस पर जानकारी ली.
विद्वानों ने पेश किए अलग-अलग दावे
डॉ. गिरीश त्यागी ने बताया कि कोरोना महामारी एक नई बीमारी है. इसको लेकर विद्वान अलग-अलग अपना दावा पेश कर रहे हैं. शुरुआत में हमने देखा था कि कई रिसर्च भी सामने आई थी, जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा तो इस बीमारी का संक्रमण कम होगा, लेकिन हम जब मौजूदा हालात में देख रहे हैं. पारा 47 तक पंहुचने के बावजूद कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. तापमान बढ़ने से मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है ना ही इसमें सुधार हुआ है.
बढ़ते तापमान से बीमारी पर नहीं पड़ा कोई असर
डॉक्टर ने आगे कहा कि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है कोई एंटीडोज नहीं है. इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि इसका जो प्रकोप है वह बढ़ते तापमान से कम होगा. जब एंटीडोज सामने आएगा तो उसकी जांच की जाएगी उसे टेस्ट किया जाएगा तब जाकर ही हम इसकी कोई स्पष्ट स्टडी सामने रख सकते हैं.
गर्मी में लू लगने से होने वाली बीमारियां अलग
इस दौरान हमने डॉक्टर त्यागी से यह जानने की कोशिश कि बढ़ते तापमान के कारण जो बीमारियां होती हैं, वही लक्षण कोरोना महामारी के भी हैं तो इनमें अंतर कैसे किया सकता है. हम कैसे जान सकते हैं कि जो बीमारी हमें गर्मी में लू लगने से हुई है वह कोरोना के लक्षण नहीं है. डॉक्टर त्यागी ने बताया कि यदि आपको कोरोना है तो उसमें सबसे पहले अधिकतर मरीजों में बुखार के लक्षण ज्यादा देखें गए हैं, जबकि गर्मी से लू लगने वाली बीमारी में बुखार खांसी जुखाम आदि बीमारियां होती है जो ठंडा पानी पीने आदि से होती हैं.