नई दिल्ली: SDMC के पदाधिकारियों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए. मेयर मुकेश सूर्यान ने कहा कि दिल्ली सरकार जानबूझकर नगर निगमो के हक का फंड रोक रही है. दिल्ली सरकार दिल्ली के नागरिकों को हर मोर्चे पर सुविधा उपलब्ध कराने में विफल रही है, चाहे वह स्वास्थ्य हो या फिर कोई और क्षेत्र.
दिल्ली नगर निगम के लगातार बिगड़ते आर्थिक हालातों को लेकर आज दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर, स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन और नेता सदन ने प्रेस वार्ता की, जिसमें सीधे तौर पर नगर निगमों की आर्थिक बदहाली के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. एसडीएमसी के मेयर मुकेश गोयल ने बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि दिल्ली सरकार अपने सभी मोर्चों पर पूर्ण तरीके से फेल हुई है 65 हजार करोड़ की दिल्ली सरकार के पास दिल्ली नगर निगम के लिए किसी प्रकार की कोई योजना नहीं है. निगमों के फंड को आज जबरन रोका जा रहा है. साथ ही साथ निगमों को परेशान करने का भी हर संभव प्रयास किया जा रहा है. निगमों को उनके हक का बकाया फंड देने में दिल्ली सरकार के द्वारा लगातार अड़चनें पैदा की जा रही हैं.
तीसरे चौथे और पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद भी अभी तक निगम को उसके हक का फंड जारी नहीं किया गया है, जिसके चलते निगमों को आज दिल्ली सरकार से 13000 करोड़ पर बकाया राशि देनी है. दिल्ली सरकार जो लगातार कहती है कि निगमों को उसके हक का बकाया पूरा फंड जारी कर दिया गया है, वह पूर्णता झूठ है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी दिल्ली सरकार के द्वारा निगम के हक का फंड जबरन रोका जा रहा है. 65000 करोड की दिल्ली सरकार के द्वारा राजधानी दिल्ली के नागरिकों की सुविधा के मद्देनजर किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दिया. पिछले सात सालों में दिल्ली सरकार के द्वारा ना तो दिल्ली की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर तरीके से मिली, और न ही सड़कों की सुविधाएं. यहां तक की पीने का पानी भी. कोरोना काल में भी दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से फेल साबित हुई.
वहीं, वैक्सीनेशन को लेकर भी दिल्ली सरकार ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और लोगों को कोरोना का टीका तक नहीं मुहैया करा पाई. दिल्ली सरकार के द्वारा लगातार लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसका एक उदाहरण छठ पूजा पर प्रतिबंध है. दिल्ली बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद दिल्ली सरकार ने एल जी को पत्र लिखा, जिसके बाद छठ पूजा की अनुमति तो मिल गई, लेकिन दिल्ली सरकार ने चाल चलकर यमुना नदी में छठ पूजा के कार्यक्रम पर आयोजन करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया.
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वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली नगर निगम के द्वारा छठ पूजा के आयोजन को लेकर सभी तैयारियां की जा रही हैं. दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने अपने क्षेत्र में हर एक वार्ड में दो जगह छठ पूजा के मद्देनजर घाट बनाने को लेकर प्रत्येक घाट के लिए 20 हजार के फंड देने की घोषणा की है. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के द्वारा छठ पूजा को लेकर किसी प्रकार की कोई तैयारी अभी तक जमीनी धरातल पर नहीं की गई है.
राजधानी दिल्ली में लगातार डेंगू के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं. इसकी वजह से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना जैसी महामारी के संकट के बाद दिल्ली के लोगों को अब डेंगू का डर सताने लगा है. दिल्ली के अंदर 6 लोगों की मौत भी अब डेंगू से हो चुकी है. इस साल अब तक डेंगू के कुल 1537 मामले सामने आए हैं, जिसमें से अकेले अक्टूबर के महीने में सबसे ज्यादा 1196 मामले सामने आए हैं, जो साल 2018 में अक्टूबर माह में सामने आये 1114 डेंगू के नए मामलों के बाद किसी भी महीने में सामने आए डेंगू के नए मामलों में सबसे केस ज्यादा है. इसको लेकर सवाल पूछे जाने पर एसडीएमसी के मेयर मुकेश सूर्यान ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. एसडीएमसी के मेयर का कहना है कि दिल्ली सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. आज राजधानी दिल्ली में मरीजों को इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना दिल्ली सरकार का फर्ज है. ऐसे में राजधानी दिल्ली में मरीजों को इलाज के दौरान बेड की सुविधा ना उपलब्ध होना. दिल्ली सरकार का फेलियर दर्शाता है.
डेंगू के चलते जिन लोगों की मृत्यु दिल्ली के अंदर हुई है, वह बेहद दुखद है, लेकिन इन लोगों की मृत्यु की दोषी दिल्ली सरकार है, जो इन मरीजों को अच्छा इलाज नहीं दे सकी. दिल्ली नगर निगम के द्वारा मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के मद्देनजर जमीनी स्तर पर हर संभव प्रयास किया जा रहा है. एसडीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन बीके ओबरॉय ने बातचीत के दौरान कहा कि निगम जमीनी स्तर पर अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभा रही है. मच्छरों की लगातार बढ़ती संख्या और मच्छरों के काटने से होने वाली मच्छर जनित बीमारियों को रोकने का मद्देनजर लगातार पूरे क्षेत्र में दवाइयों के छिड़काव के साथ फागिंग भी करवाई जा रही है. जबकि, दिल्ली सरकार सिर्फ विज्ञापन के माध्यम से अपना चेहरा चमकाने में लगी हुई है. दिल्ली में मच्छर जनित बीमारियों पर कंट्रोल नहीं होने वाला. जमीनी स्तर पर काम करने पर ही राजधानी दिल्ली में मच्छर जनित इन बीमारियों पर लगाम लगाई जा सकती है.
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