नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने एक सितंबर से नौवीं से 12वीं जबकि, आठ सितंबर से छठी से आठवीं तक के स्कूल खोलने का ऐलान किया है. दिल्ली में स्कूलों को खोलने का फैसला बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी की राय को देखते हुए लिया गया. एक्सपर्ट कमेटी ने सुझाव दिया है कि अब राजधानी में धीरे-धीरे स्कूल खोले जाने चाहिए. सबसे पहले बड़े बच्चों की कक्षाएं खोली जाएं, उसके बाद मिडिल और फिर प्राइमरी कक्षाएं खोली जाएं.
स्कूल खुलने से छात्रों में खुशी है. ईटीवी भारत से खानपुर मैं रहने रहने वाले छात्र-छात्राओं ने बताया कि सरकार की तरफ से स्कूल खोलने का फैसला सही है. हम भी सामाजिक विधि और सैनिटाइजर क्लास में प्रयोग करेंगे. अच्छे से पढ़ाई भी करेंगे. छात्राओं का कहना है कि सरकार की तरफ से स्कूल बोलने का फैसला ऐतिहासिक है. घर बैठे सभी छात्र बोर हो रहे थे. पढ़ाई ऑनलाइन नहीं हो सकती. टीचर पढ़ाते हैं तो उस पढ़ाई की बात ही अलग होती है. वहीं बच्चों के अभिभावकों ने भी स्कूल खोलने को लेकर खुशी जताई है.
किसी भी छात्र को स्कूल बुलाने के लिए जबरदस्ती नहीं की जाएगी. बच्चों को स्कूल जाने के लिए अभिभावकों से लिखित में अनुमति लेना अनिवार्य है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि पांच राज्यों में नर्सरी से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए हैं. एक दर्जन राज्यों में छठी से 12वीं के स्कूल खोल दिए हैं.
इसे भी पढ़ें: दिल्ली के अभिभावकों ने कहा-नहीं भेजेंगे स्कूल
इसे भी पढ़ें: दिल्ली में 1 सितंबर से खुलेंगे स्कूल, कोचिंग सेंटर और कॉलेज