नई दिल्ली : नॉर्थ दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट पर बीते 26 अप्रैल को आग लगने के बाद अभी तक यह आग शांत नहीं हुई है. इससे निकलने वाले जहरीले धुंए से इलाके में रहने वाले लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है. भलस्वा इलाके में एक निजी संस्था के स्कूल को प्रशासन ने बिगड़ते हालात देख एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया था. अब करीब दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी स्कूल नहीं खुला है. स्कूल प्रशासन का कहना है कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे, स्कूल इसी तरह बंद रहेगा.
दीप्ति फाउंडेशन के ज्ञान सरोवर स्कूल स्टाफ ने बताया कि 26 तारीख को अचानक भलस्वा लैंडफिल साइट में आग लगी थी. आग की तपिश से स्कूल की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए और स्कूल में जहरीला धुआं भर गया. जिससे स्कूल प्रशासन ने बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए स्कूल को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया.
करीब दो सफ्ताह बाद भी हालात पूरी तरह से नहीं सुधरे हैं. भलस्वा लैंडफिल साइट से लगातार जहरीला धुआं निकल रहा है. लिहाजा स्कूल अभी खोलने का फैसला नहीं लिया जा सकता.
इस स्कूल को अप्रैल माह में इसी साल शुरू किया गया था. इस स्कूल में 110 बच्चे पढ़ते हैं. यह स्कूल विशेष तौर से गरीब-असहाय बच्चों के लिए बनाया गया है. जो किसी भी तरह से शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं.
भलस्वा इलाके में रहने वाले गरीब बच्चे जो कबाड़ बीनकर अपना गुजारा करते हैं. उनके लिए यह स्कूल है. इसमें पहली से चौथी कक्षा तक के बच्चे पढ़ते हैं. स्कूल प्रशासन ने हालात बिगड़ता देख स्कूल को बंद कर दिया है. अब कुछ दिनों बाद गर्मियों की छुट्टी भी होने वाली है.
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भलस्वा लैंडफिल साइट के आसपास चार निजी स्कूल हैं. जिनमें छोटे-छोटे बच्चे पढ़ते हैं. भलस्वा लैंडफिल साइट में आग लगने के बाद फैले धुंए से इलाके का माहौल खराब हो गया है. लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, लेकिन अभी तक अन्य स्कूलों को एतिहात के तौर पर बंद नहीं किया गया है. परिजनों की मांग है कि लैंडफिल साइट से लगातार निकल रहे जहरीले धुंए से इलाके के लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है. छोटे बच्चे बीमार हो रहे हैं. इसलिए स्कूलों को भी बंद करना चाहिए.