नई दिल्ली : कोरोना के मद्देनजर दिल्ली की स्थिति को लेकर मीडिया से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि 7 नवम्बर को दिल्ली ने कोरोना का तीसरा वेव आया था, तब संक्रमण दर 15.26 फीसदी थी, लेकिन अब यह उसके आधे से भी कम पर आ गई है. उन्होंने बताया कि बीते दिन संक्रमण दर 7.26 फीसदी थी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह थोड़ा संतोष का विषय है और इसका मतलब है कि दिल्ली में कोरोना का प्रकोप कम हो रहा है.
'लैब्स नहीं कर पा रहे ज्यादा RT-PCR टेस्ट'
दिल्ली में कोरोना के आरटीपीसीआर की रिपोर्ट लगातार देरी से आ रही है और इसे लेकर शिकायतें भी आ रहीं हैं. क्या इसके कारण संक्रमितों के आंकड़े में कमी आ रही है, इसे लेकर सवाल करने पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि जिसकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट आ गई है, सिर्फ उसको ही काउंट करते हैं, जिसकी पेंडिंग है उसे काउंट नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि आईसीएमआर और केंद्र सरकार ने कहा था कि आरटीपीसीआर की कैपेसिटी बढा रहे हैं. उसके हिसाब से हमने टेस्ट तो तो इकट्ठे किए, लेकिन लैब्स उतना टेस्ट नहीं कर पा रहे हैं.
'सिंघु बॉर्डर से नहीं आता ऑक्सीजन'
दिल्ली में किसानों का आंदोलन जारी है और इसके कारण कई तरह की वस्तुओं के आवागमन में भी दिक्कत हो रही है. क्या इसका असर ऑक्सीजन सप्लाई पर भी पड़ रहा है, इसे लेकर सवाल करने पर सत्येंद्र जैन ने बताया कि परसों थोड़ी दिक्कत हुई थी. लेकिन 2-3 घण्टे बाद ही उसे ठीक कर दिया गया था. सत्येंद्र जैन ने बताया कि ये लाइफ सेविंग है और इसे किसी ने रोका नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऑक्सीजन को पुलिस या कोई भी आंदोलनकारी रोकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि ऑक्सीजन सिंघु बॉर्डर से नहीं आती, यह राजस्थान और यूपी से आती है.
'50 फीसदी स्टाफ ही आएंगे दफ्तर'
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने बीते दिन अपने दफ्तरों में काम करने वाले 50 स्टाफ्स को ही ऑफिस आने का आदेश जारी किया था. इसे लेकर सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसमें से क्लास-1 ऑफिसर्स में से सबको आना है और उससे नीचे के जो लोग हैं, उनमें से 50 फीसदी को ही आना है. उन्होंने बताया कि प्राइवेट दफ्तरों को कहा गया है कि वो जितना स्टाफ कम कर सकते हैं, करें. ज्यादातर बड़े ऑफिस ने वर्क फ्रॉम होम 31 दिसम्बर तक पहले ही किया हुआ है.
'केंद्र किसानों से करे तुरन्त बातचीत'
किसान आंदोलन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसमे कोई कंडीशन थोड़ी लगनी चाहिए कि केंद्र सरकार किसानों से कब बात करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत बात करनी चाहिए. ये हमारे देश के अन्नदाता किसान हैं, जहां वो चाहें उन्हें बैठने देना चाहिए. क्या इस आंदोलन के चलते रहने से किसी तरह की परेशानी होगी, इस सवाल पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि वो अपनी समस्याएं लेकर अपने घर से कई सौ किलोमीटर आए हैं. यह लोकतंत्र है और उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है.