नई दिल्ली : नदियों की बदहाली को लेकर मध्य प्रदेश के जबलपुर से दिल्ली आए संत समर्थ सद्गुरु भैया जी सरकार ने यमुना में प्रदूषण पर चिंता जाहिर की. देश की नदियों के संरक्षण के लिए जन जागरण कर रहे संत भैया जी सरकार ने नदी में प्रदूषण को लेकर अपनी व्यथा बताई. वह नदियों को बचाने के लिए 388 दिनों से सत्याग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी पवित्र जीवनदायिनी नदियों गंगा, नर्मदा व यमुना में विषैला रसायन घुल रहा है. कहीं ना कहीं हम अपनी आने वाले पीढ़ियों को प्रभावित कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि छठ पर्व पर हम एक ही सत्य का आग्रह दिल्ली में करने आए हैं कि हमारी गंगा मैया, नर्मदा मैया और यमुना मैया के जल में जिस तरीके से लगातार विषैला रसायन मिल रहा है. अगर हम एक स्वस्थ समाज बनाना चाहते हैं, आत्मनिर्भरता बनाना चाहते हैं तो नदियों का संरक्षण करना होगा. जल हमें एक करता है, जल कोई भेद नहीं करता है. इसलिए नदियों के शुद्धिकरण के लिए हमें एक होकर जन भागीदारी तय करनी होगी. उन्होंने नदियों की दुर्दशा के लिए सरकारी नीतियों को भी दोषी ठहराया.
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88 दिनों से सत्याग्रह कर रहे संत भैया जी सरकार ने कहा कि जो द्वार हमारे जीवन के हैं. वे आज विषैले हो गए हैं, जो द्वार हमारे विकास का है, अगर उस द्वार को हम सही नहीं कर पाए तो आने वाला दौर बड़ा ही भयावह होगा. इनकी वजह से भीषण आपदाओं का दौर भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में होगा. नदियों को हमें स्वच्छ, निर्मल और पवित्र करना होगा. भैया जी सरकार के साथ आए एस राहुल ने बताया कि समर्थ सद्गुरु भैया जी महाराज बीते 388 दिनों से नर्मदा और देश की अन्य नदियों को स्वच्छ और निर्मल करने के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं. वह सिर्फ नर्मदा नदी का पानी पीते हैं. देश की सभी नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वह देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर जन जागरण कर रहे हैं. दिल्ली आगमन पर उन्होंने लोगों से नदियों को बचाने की गुहार लगाई.