नई दिल्लीः रोहिणी ब्लास्ट में डीआरडीओ वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया (DRDO scientist arrested in Rohini blast) को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए भारत भूषण कटारिया डीआरडीओ (DRDO Scientist Bharat bhushan kataria) के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. 2016 से अमित वशिष्ठ नामक अधिवक्ता से उनका झगड़ा चल रहा है, जो उनका पड़ोसी है. इस मामले में निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक एक दर्जन मामले उनके बीच चल रहे हैं. साइंटिस्ट पर बीते नौ दिसंबर को चार्ज फ्रेम होना था, लेकिन ठीक उससे पहले उसने वकील के पीछे रखकर यह बम फोड़ दिया.
पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के अनुसार, बीते नाै दिसंबर को रोहिणी कोर्ट संख्या 102 में ब्लास्ट हुआ था. इसमें अदालत का नायब घायल हुआ था. अदालत में हुए ब्लास्ट को लेकर सुरक्षा पर कई गंभीर सवाल उठ रहे थे. इस मामले की जांच स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन की टीम ने शुरू की. उन्होंने सबसे पहले अदालत परिसर एवं गेट पर लगे हुए 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को खंगाला. इसमें एक व्यक्ति के पास वाे बैग दिखा, जिसमें ब्लास्ट हुआ था. पुलिस टीम ने उसकी पहचान के लिए प्रयास शुरू किये. अदालत में उस दिन आई एक हजार से ज्यादा गाड़ियों के मालिक से बातचीत की गई. उन्होंने उस दिन कोर्ट संख्या 102 में लगे सभी मामलों के आरोपी एवं शिकायतकर्ता से बातचीत की. इस दौरान अमित वशिष्ठ ने बताया कि यह शख्स उसका पड़ोसी (Rohini court blast scientist arrested ) भारत भूषण कटारिया है. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में पता चला कि आरोपी वैज्ञानिक भारत भूषण कटारिया (DRDO Scientist Bharat bhushan kataria)परिवार सहित अशोक विहार इलाके में मकान के टॉप फ्लोर पर रहते हैं. यहीं पर पहली मंजिल पर रहने वाले अधिवक्ता अमित वशिष्ठ के साथ उनका विवाद चल रहा है. इस विवाद में उन्होंने अमित के खिलाफ पांच मामले दर्ज करवा रखे हैं, जबकि अमित ने उनके खिलाफ सात मामले दर्ज करवा रखे हैं. इसमें उनके खिलाफ 2016 में मारपीट की एक एफआईआर दर्ज हुई थी, जो मामला फिलहाल रोहिणी स्थित अदालत में लंबित है. इस मामले में बीते एक नवंबर को रोहिणी कोर्ट में सुनवाई हुई थी. उस दिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने यह टिप्पणी की थी कि 2019 से इस मामले में चार्ज फ्रेम होने का मामला लंबित चल रहा है. कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. इस मामले में देरी के लिए भारत भूषण पर एक हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश अदालत ने दिए थे.
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बीते नौ दिसंबर को अदालत में भारत भूषण पर आरोप तय होना था. उससे ठीक पहले भारत ने कोर्ट रूम में बैठे अमित वशिष्ठ की सीट के पीछे बम रख दिया. वह इसके जरिये वकील की हत्या करना चाहता (Conspiracy to kill lawyer in Rohini blast) था, लेकिन इसमें कामयाब नहीं हो सका. पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि यह एक आईईडी ब्लास्ट था, जिसे रिमोट से अंजाम दिया गया, लेकिन इस ब्लास्ट में केवल डेटोनेटर ही ब्लास्ट हुआ, जिसकी वजह से इसका ज्यादा असर नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि अगर यह ब्लास्ट पूरी तरीके से होता तो इसमें काफी ज्यादा नुकसान हो सकता था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि अधिवक्ता अमित से उसका प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा था. इस विवाद में उनके खिलाफ कई मामले अधिवक्ता ने दर्ज करवा दिए थे. इसलिए वह अधिवक्ता को सबक सिखाना चाहता था.
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पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि इस मामले में आरोपी वैज्ञानिक को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी उम्र लगभग 47 वर्ष है. फिलहाल उनसे पूरे प्रकरण को लेकर पूछताछ की जा रही है. उन्हें अदालत के समक्ष पेश कर पुलिस टीम रिमांड पर लेगी ताकि पूरे घटनाक्रम को लेकर उनसे पूछताछ की जा सके. पुलिस के पास आरोपी के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं.
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