नई दिल्ली/गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में सड़क पर हए गड्ढे सबसे ज्यादा हादसों का कारण हैं. आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से लेकर अब तक गाजियाबाद में 533 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें 256 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. शहरी और ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर दुर्घटनाएं सड़क मरम्मत के अभाव में हुई हैं. वहीं गाजीपुर बॉर्डर और डासना के बीच नेशनल हाईवे-24 पर हुए हादसों की वजह और भी चौंकाने वाली है. गाजीपुर बॉर्डर से डासना के बीच के इलाके को सड़क हादसों के लिए ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय-समय पर इन गड्ढों को भरने के आदेश देते रहे हैं. लेकिन गाजियाबाद के सरकारी विभागों ने सड़क के गड्ढों को भरने की जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई. जिन जगहों पर गड्ढे भरे गए वहां सड़क में इस्तेमाल होने वाले मटेरियल की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे है. ऐसी कई सड़कें हैं जहां गड्ढे भरे जाने के कुछ दिन बाद ही फिर से वहा गड्ढे हो गए. इनमें से एक सड़क गाजियाबाद जिले की राजेंद्र नगर इलाके की है, जहां के गड्ढे कई बार भरे जाने के कुछ दिन बाद ही दोबारा गड्ढे हो गए, जिसके चलते यहां जाम लगा रहता है.
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गाजीपुर बॉर्डर से डासना तक दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के आसपास नेशनल हाईवे 24 के हिस्से को ब्लैक स्पॉट घोषित किया गया है. इस साल यहां अब तक 133 हादसे हो चुके हैं, जिसमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. हाईवे पर ज्यादातर हादसे गलत साइड पर वाहन चलाने के कारण होते हैं.
इस रिपोर्ट से साफ है कि कैसे गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अगर समय रहते सड़क के इन गड्ढों को भर दिया जाता तो शायद कई लोगों की जान बच जाती. वहीं सड़क के निर्माण और मरम्मत में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता को लेकर भी बड़े सवाल उठ रहे हैं. इस मामले में अधिकारियों से जब जवाब मांगा जाता है तो वह चुप रहते हैं.