नई दिल्ली : नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. काउंसलिंग की मांग पर रेजिडेंट डॉक्टर्स लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक काउंसलिंग की तारीख तय नहीं की गई है. इससे नाराज रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को कैंडल मार्च करके सरकार के रवैये के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि लंबे अर्से से नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग का इंतजार हो रहा है. नीट पीजी काउंसलिंग न होने से डॉक्टर्स का करियर चौपट हो रहा है. मिनिस्ट्री में इसको लेकर कई बार बातें हुईं. सरकार ने हफ्तेभर के भीतर काउंसलिंग शुरू करने का आश्वासन दिया था. लेकिन तब से अब तक महीने बीते गए, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.
रेजिडेंट डॉक्टर्स कई दिनों से कैंडल मार्च कर रहे हैं. धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार पर कोई असर ही नहीं हो रहा है. लापरवाही की हद पार कर रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि पीजी काउंसलिंग जल्दी होनी चाहिए और अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स का एक नया बैच जल्दी आना चाहिए. ताकि ओमीक्रोन के खतरे से निपटने में आसानी होगी.
रेजिडेंट डॉक्टर्स के समर्थन में अन्य डॉक्टर भी आ गए हैं. वह भी नीट पीजी की काउंसलिंग कराने की मांग कर रहे हैं. एक दिन एम्स के डॉक्टरों ने भी विरोध-प्रदर्शन किया था. लेकिन सरकार अपना अड़ियल रवैया छोड़ने को राजी नहीं है. डॉक्टर्स का कहना है कि प्रधानमंत्री ने देर रात अपने संबोधन में स्वास्थ कर्मियों के लिए बड़ी-बड़ी बातें कही थीं, लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है. डॉक्टर अपनी मांगें लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि 45000 डॉक्टर परीक्षा पास करके घर बैठे हुए हैं.
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फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने बताया कि आज हमने सफदरजंग अस्पताल में अपनी एकजुटता को दिखाते हुए कैंडल मार्च निकाला है. कल यह प्रोटेस्ट हमारा सुबह भी जारी रहेगा और यह प्रोटेस्ट अब मंडी हाउस पर होगा. क्योंकि सरकार हमारी मांग नहीं सुन रही है. ऐसे में हमें अब सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा और हमें वहां प्रोटेस्ट करना पड़ेगा. हमारी सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा कोई नहीं निकलता. हर बार आश्वासन हमें दे दिया जाता है. सरकार अपनी बातें, अपने वादे भूल जाती है.