नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के अलग-अलग सीमाओं पर शुरू हुए किसान आंदोलन को 8 महीने पूरे हो चुके हैं. किसान आंदोलन नौवें महीने में प्रवेश कर गया है, लेकिन अभी भी किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर्स पर डटे हुए हैं. वहीं दूसरी ओर मॉनसून सत्र के दौरान जहां एक तरफ देश की संसद में कार्यवाही चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने भी दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान संसद बैठाई है. जिसका 13वें दिन समापन हो गया.
किसान संसद के आखिरी दिन महिला संसद में राकेश टिकैत की धर्म पत्नी सुनीता टिकैत को स्पीकर नियुक्त किया गया. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सुनीता टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर यह किसान संसद आयोजित की गई थी और देश की संसद तक किसानों और महिला किसानों की समस्याएं पहुंचे और सरकार इनको लेकर काम करें इसके लिए यह किसान संसद बुलाई गई, जिसमें महिला किसान संसद भी आयोजित की गई जहां पर अलग-अलग राज्यों से आई किसान महिलाओं को एक सांसद के तौर पर संसद में अपनी बात रखने का मौका दिया गया.
टिकैत परिवार के सदस्यों ने ETV भारत से की बातचीत सुनीता टिकैत ने कहा कि देश का हर एक मुद्दा महिलाओं से जुड़ा है और देश की सरकार किसानों से है किसान सरकार से नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है अलग-अलग राज्यों के किसान बॉर्डर पर है और इस वक्त घर और खेती की जिम्मेदारी महिलाओं पर है और महिलाएं यह दोनों जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है तब से राकेश टिकैत बॉर्डर पर ही हैं वह पिछले 9 महीने से घर नहीं आए हैं.
इसके साथ ही किसान संघर्ष समिति की ओर से महिला किसान सुदेश गोयत ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के जरिए महिलाओं को अपनी आवाज उठाने के लिए एक मंच मिला है. किसान आंदोलन में महिलाओं को अधिकार दिया है कि वह घर से निकल कर देश के अलग-अलग मुद्दों में अपनी राय रखें और अब सड़क से संसद तक महिलाएं देश के अलग-अलग मुद्दों पर अपनी आवाज उठा रही है. पहले जहां महिलाएं केवल घर में ही बंद रहती थी, लेकिन किसान आंदोलन के चलते वह आंदोलन का नेतृत्व भी कर रही है.इसके साथ ही महिला संसद में पहुंची राकेश टिकैत की पुत्रवधू ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार केवल जुमले वाली सरकार है, जिसने ना तो देश के किसानों के लिए कोई काम किया और ना ही देश की महिलाओं के लिए लगातार महंगाई बढ़ रही है. किचन में इस्तेमाल होने वाली हर एक चीज के दाम आसमान छू रहे हैं. महिलाओं का घर चलाना मुश्किल हो रहा है, और तो और पिछले करीब 9 महीने से देश का अन्नदाता सड़कों पर हैं. ऐसे में केंद्र सरकार किस आधार पर विकास की बात करती है, जब देश का किसान सड़क पर है. साथ ही उन्होंने राजधानी दिल्ली में बढ़ते अपराध को लेकर भी सरकार पर हमला बोला कि एक तरफ सरकार 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देती है. वहीं, दूसरी तरफ महिलाओं और छोटी छोटी बच्चों के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं.
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