नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए दिल्ली को रेड जोन में रखा गया है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के तमाम सरकारी व प्राइवेट दफ्तरों को खोलने के आदेश दिए हैं. लेकिन बगैर तैयारी के जिस तरह आदेश को जारी किया गया है दफ्तरों में आने वाले कर्मचारी काफी डरे हुए हैं. अपनी परेशानी उन्होंने कुछ इस तरह से ईटीवी भारत के साथ साझा किया.
दफ्तर जाएं कैसे, बड़ा सवाल
दिल्ली सचिवालय जहां से सरकार का कामकाज चलता है. वहां भी कार्यरत कर्मचारी अपनी सेवा देने नहीं आ पा रहे हैं. उनका तर्क है कि अभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू नहीं हो पाया है. लॉकडाउन देशभर में लागू है. ऐसे में वे किस तरह दफ्तर आएं यह बड़ा सवाल है.
इतना ही नहीं मुख्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की ड्यूटी अभी अलग-अलग जगह पर लगाई गई है. कहीं राशन वितरण में, कहीं कोविड केयर सेंटर में लगाई गई है तो वह वहां पर जाएं तो जाएं कैसे?
पहले से करनी चालिए थी तैयारी
दिल्ली सरकार कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश बत्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि सरकार को पहले तैयारी करना चाहिए थी. फिर सारे दफ्तर और कर्मचारियों के आने के आदेश जारी करने चाहिए थे. जब सरकार ने सरकारी व निजी दफ्तर खोलने के आदेश दिए तो सुबह और शाम पब्लिक ट्रांसपोर्ट कुछ घंटों के लिए ही सही चलने की छूट देनी चाहिए थी. ताकि कर्मचारियों को आने-जाने में सुविधा होती.
दफ्तरों को सैनिटाइज करने पर हो ध्यान
इसके अलावा कर्मचारी जहां बैठते हैं वहां पर अच्छे से सैनिटाइज आदि की व्यवस्था करनी चाहिए थी. कोई मिलने जुलने वाले ना आए, इन सब की भी हिदायत देनी चाहिए. लेकिन ऐसा कुछ किया नहीं गया है. तो जान जोखिम में डालकर कैसे लोग काम करने आएंगे. वे अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए आए हैं. देखते हैं इस पर कब सरकार ध्यान देती है.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के लिहाज से जो इलाके सील किए गए हैं उसे छोड़कर अन्य इलाकों में सभी तरह की दुकान, फैक्ट्री आदि शुरू करने के आदेश दे दिए हैं. लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि यह एक तरह से कोरोना के फैलने की अधिक संभावना है. इससे एक विस्फोटक स्थिति पैदा होगी.