नई दिल्ली: शिक्षा देने के लिए कोई समय कोई जगह महत्व नहीं रखती है, महत्व रखता है तो बस हौसला. हम आपको बता रहे हैं एक ऐसी शिक्षिका के बारे में जो बच्चों को कोरोना काल में भी लगातार पढ़ाती आ रही हैं. अध्यापिका का नाम प्रीति है और वो डेरा गांव की रहने वाली हैं. वो प्ले क्लास से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट्स को पढ़ा रही हैं. उनका पढ़ाने का है यह हौसला स्टूडेंट्स को काफी पसंद आ रहा है.
प्रीति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. उसके बाद उन्होंने ईसीसी का कोर्स किया. इस दौरान उन्होंने बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें पढ़ाना काफी ज्यादा पसंद है. प्रीति के स्कूल का नाम फतन लाल मेमोरियल पब्लिक स्कूल है. उन्होंने इस स्कूल में धीरे-धीरे करके बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. अब वो प्ले स्कूल से लेकर बाहरवीं तक के बच्चों को पढ़ाती हैं. सबसे अहम बात ये है कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने के बाद उन्होंने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लासेज भी देनी शुरू कर दीं. साथ ही प्रीति द्वारा कोरोना काल के दौरान भी लगातार स्टूडेंट्स को कोचिंग में बुलाकर शिक्षा दी जा रही है. कोचिंग में पूरी तरीके से सामाजिक दूरी और मास्क लगाकर पढ़ाया जाता है. जब सभी जगह स्कूल और कोचिंग बंद हैं. उसके बावजूद भी प्रीति लगातार बच्चों को पढ़ाती आ रही हैं. इस बात से उनकी शिक्षा के प्रति लगन साफ साफ दिखाई देती है.
'शिक्षा पर हम सबका हक है'
आपको बता दें कि अध्यापिका प्रीति ने स्कूल में 8 टीचरों को रखा है. जिन्हें कोरोना काल में भी हाफ सैलरी दी गई है, ताकि उन लोगों को आर्थिक मंदी का सामना न करना पड़े. साथ ही जो बच्चे स्कूल में या कोचिंग में पढ़ने के पैसे नहीं दे सकते, उनको कम पैसों में या फिर निशुल्क भी पढ़ाया जाता है. प्रीति का कहना है कि शिक्षा पर हम सबका हक है तो वो सबको मिलना चाहिए. चाहे वो निशुल्क मिले या फिर पैसे देकर. प्रीति ने कहा कि आने वाले समय में वो ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पढ़ाना चाहती हैं, ताकि स्टू़डेंट्स में पढ़ाई को लेकर और स्पर्धा बने. आजकल तो हर कोई पढ़ना चाहता है, इसलिए मैं भी सब को पढ़ाना चाहती हूं. प्रीति ने बताया कि बचपन से ही शिक्षा के प्रति उनकी विशेष लगन थी. तभी उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया और अब शादी हो जाने के बाद भी जारी है.