नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसकी रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही है. साथ ही साफ सफाई को लेकर भी सरकार काफी सतर्क है. लेकिन धरातल पर यह प्रयास कितने सार्थक साबित हो रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 271 में साफ नजर आ रहा है, जहां पीपीई किट कूड़े के ढेर में पड़ी हैं.
'पीपीई किट के लिए कौन जिम्मेदार'
इन पीपीई किटों का इस तरह कूड़ेदान में पड़ा होना आखिर किसकी लापरवाह का नतीजा है. बता दें कि मेडिकल से संबंधित कूड़े का निस्तारण के लिए सरकार अस्पतालों में अलग से व्यवस्था करती है. लेकिन सामान्य कूड़े के ढेर में पड़ी ये पीपीई किट के लिए कौन जिम्मेदार है और यह पीपीई किट आखिर इस कूड़े के ढेर में कैसे आई, इसकी भी जांच होनी चाहिए.
निगम नहीं उठा रही अपनी जिम्मेदारी
इन पीपीई किट से स्थानीय जनता के लिए कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा और साथ ही कूड़े के ढेरों में कूड़ा बीनने वाले लोगों में भी कोरोना का खतरा बढ़ सकता है. वहीं अगर सफाई व्यवस्था की बात करें, तो वार्ड 271 के निगम के कूड़ेदान में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और कूड़ेदान के बाहर मेन सड़क पर भी कूड़े के ढेर काफी दूर तक लगे हुए हैं. यह कूड़े के लगे ढेर सफाई व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हैं, आखिर निगम की क्या जिम्मेदारी है. निगम लगातार सफाई व्यवस्था को लेकर जागरूक अभियान चला रहा है, लेकिन निगम के कर्मचारी सफाई व्यवस्था को लेकर अपनी जिम्मेदारी नहीं उठा रहे हैं. जिसके चलते क्षेत्र की जनता बीमारियों के साए में जीने के लिए मजबूर है.