नई दिल्ली: पंजाब के विधानसभा चुनाव में बहुत ज्यादा समय बाकी नहीं है. उससे पहले दिन-ब-दिन सियासी उलटफेर भी देखने को मिल रहा है. एक तरफ सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी अपने घर के झगड़े सुलझाने में लगी है. वहीं आम आदमी पार्टी खुद को मजबूत करने में जी-जान से जुटी हुई है और इन कोशिशों का एक सिरा सिद्धू से भी जुड़ता है, जिनके लिए पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है.
जब भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सिद्धू की तल्खी तेज होती है, ऐसी खबरें चर्चा में आ जाती हैं कि सिद्धू आम आदमी पार्टी के साथ जा सकते हैं. इन कयासों को मंगलवार को एक बार फिर से बल मिला, जब सिद्धू ने एक ट्वीट के जरिए आम आदमी पार्टी के कार्यों की सराहना की. उन्होंने लिखा, हमारी विपक्षी आम आदमी पार्टी ने हमेशा ही पंजाब के प्रति मेरे काम और मेरे विजन को पहचाना है.
आगे सिद्धू ने लिखा, वो चाहे 2017 से पहले की बात हो, ड्रग्स किसानों के मुद्दे, भ्रष्टाचार या बिजली संकट का सामना. अब जब मैं पंजाब मॉडल पेश कर रहा हूं, तो वे स्पष्ट जानते हैं कि पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है. हालांकि इसके कुछ देर बाद ही नवजोत सिंह सिद्धू ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए अपने चिर परिचित अंदाज में शायरी के साथ एक और ट्वीट किया.
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सिद्धू ने लिखा, अब विपक्ष उनके और बाकी वफादार कांग्रेसियों के बारे में कह रहा है कि तुम अगर AAP में आओगे तो कोई बात नहीं, अगर कांग्रेस में रहोगे तो मुश्किल होगी. आपको बता दें कि लंबे समय से पंजाब में कैप्टन और सिद्धू के बीच सियासी टकराव जारी है. इस बीच आम आदमी पार्टी का भी सिद्धू के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर दिखता रहा है.
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कैप्टन और सिद्धू के बीच जारी सियासी तनाव के बीच बीते महीने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया था. पंजाब दौरे पर गए सीएम केजरीवाल से जब सिद्धू को लेकर सवाल किया गया था, तब उन्होंने सिद्धू के लिए कहा था कि वे कांग्रेस के नेता हैं और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. वे सम्मानित हैं और उनके बारे में लूज टॉक नहीं होनी चाहिए.
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गौर करने वाली बात यह भी है कि अरविंद केजरीवाल ने उसी दौरान एक और बयान दिया था कि आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ पंजाब के चुनावी मैदान में उतरेगी और यह चेहरा सिख समुदाय से होगा. केजरीवाल के इस बयान और आम आदमी पार्टी के प्रति सॉफ्ट दिख रहे हैं. सिद्धू के रुख के बाद अब कहीं ना कहीं नए सिरे से यह चर्चा होने लगी है कि क्या सिद्धू विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं.