नई दिल्ली : दिल्ली में वाहन चोरी एक बड़ी समस्या है. विभिन्न गैंग चोरी करने के बाद गाड़ियों को पार्किंग में ले जाकर खड़ा कर देते हैं. ऐसी गाड़ियों का पता लगाने के लिए उत्तरी जिला पुलिस ने ऑपेरशन 'खोजबीन' शुरू किया है. इसके तहत पार्किंग में खड़ी गाड़ियों की जांच पुलिस द्वारा समय-समय पर की जा रही है. यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि वहां खड़ी गाड़ी चोरी की तो नहीं है. पहले ऑपेरशन के दौरान वहां तीन लावारिस गाड़ियां पुलिस को मिली हैं.
उत्तरी जिला डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बीते दो साल में हुई गाड़ी चोरी की घटनाओं को लेकर उनकी टीम ने स्टडी की है. इसमें यह देखने को मिला कि कई बार गाड़ी चोरी करने के बाद वाहन चोर उसे किसी पार्किंग में ले जाकर खड़ा कर देते हैं. कभी यह मेट्रो पार्किंग होती है तो कभी बाजार की पार्किंग. यहां गाड़ी को खड़ा कर वह खरीदार का इंतजार करते हैं. गाड़ी का सौदा होने पर वह उसे पार्किंग से निकालकर ले जाते हैं. कई बार वह इसलिए भी गाड़ी को वहां खड़ा करते हैं क्योंकि उसमें जीपीएस लगे होने की संभावना होती है. वह कुछ दिन गाड़ी को वहां खड़ा कर इंतजार करते हैं. अगर उसे लेने कोई नहीं पहुंचता तो सप्ताह भर बाद वह उसे ले जाते हैं. ऐसा भी देखने को मिला है कि कई बार आपराधिक वारदातों में शामिल रही गाड़ियों को भी पार्किंग में ले जाकर खड़ा कर देते हैं.
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डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बीते 16 अक्टूबर की रात उत्तरी जिला की 21 पार्किंग में एक साथ यह ऑपेरशन चलाया गया. इस दौरान 900 से ज्यादा गाड़ियों की जांच की गई. इसमें पुलिस को तीन संदिग्ध गाड़ी मिली जिनमें से एक कार, एक बाइक और एक स्कूटी थी. इनमें किसी में नंबर प्लेट नहीं थी तो किसी की नंबर प्लेट डिफेक्टिव थी. पार्किंग अटेंडेंट से पता चला कि यह गाड़ियां लगभग 5 साल से वहां पर खड़ी हैं. इन गाड़ियों के इंजन एवं चेसिस नंबर की मदद से उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. उन्हें उम्मीद है कि इस ऑपेरशन खोजबीन से वाहन चोरी की वारदातों को सुलझाने में बड़ी मदद मिलेगी.
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