नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्तियों का दौर जारी है. ऑड-ईवन के साथ ही नाइट कर्फ्यू लागू है. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंटम अथॉरिटी ने कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर के साथ कुछ राहत दी है. वसंतकुंज समेत तमाम इलाकों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की इजाजत है. इसके बावजूद शनिवार को इलाके में लगने वाला साप्ताहिक बाजार पुलिस ने जबरन बंद करा दिया. पुलिस की इस कार्रवाई से सब्जी और फल विक्रेताओं के साथ ही तमाम दुकानदारों और स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है.
आढ़त से उधारी माल लाकर बेचने वाले दुकानदारों ने अपना दुखड़ा रोते हुए कहा कि पुलिस ने उनके साथ ज्यादती की है. मार्केट एसोससिएशन के अध्यक्ष विक्की कुमार ने DDMA का लेटर दिखाते हुए कहा कि पचास फीसदी क्षमता के साथ कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन करते हुए मार्केट खोलने की इजाजत दी गई है. लेकिन पुलिस ने इस आदेश को बी मानने से इंकार कर दिया. पुलिस का कहना है अब कोई आदेश नहीं चलेगा. यह कहते हुए सब्जियां फेंककर दुकानें बंद करा दीं.
अब उधारी लाकर बेचने वाले गरीब दुकानदार कहां जाएं. पुलिस के रवैये से इलाके के लोगों में भी काफी आक्रोश है. वीकेंड लॉकडाउन के चलते रविवार को दुकानें नहीं खुलेंगी. ऐसे में ये पल औऱ सब्जियां खराब हो जाएंगी. आखिर इन गरीबों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा. दिल्ली पुलिस DDMA का आदेश भी मानने को तैयार नहीं है.
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मार्केट के प्रधान ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि हमारे पास DDMA का ऑर्डर है. उसी के अनुसार हम आज वसंत कुंज इलाके में साप्ताहिक बाजार लगा रहे थे. तभी वहां आकर पुलिस ने सब्जियां फेंकनी शुरू कर दी. हमारी एक न सुनी और बाजार बंद करा दिया. दुकानदारों का कहना है कि हम तमाम गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं. हर शख्स मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यहां मौजूद है. फिर भी पुलिस मार्केट नहीं खुलने दे रही है. मेट्रो के बाहर रोज लगने वाली हजारों की भीड़, धक्का-मुक्की और चुनावी रैलियों को कोई नहीं देख रहा है. गरीबों की दुकाने बंद कराने पुलिस हमेशा तैयार रहती है. दुकानदारों ने नियमों का हवाला देते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है.