नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक बार फिर साफ किया है कि बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में बैठे किसानों से सरकार बातचीत कर पूरे मसले का समाधान निकालने को तैयार है. उनका कहना है कि वो पहले भी प्रस्ताव पर प्रस्ताव देते रहे हैं, लेकिन के सालों की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला. गोयल ने कहा कि बिना शिकायत या समस्या के ऐसे ही कृषि कानून वापस नहीं लिया जा सकता, क्योंकि इससे देश भर के किसानों का लाभ जुड़ा है.
दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए किसानों के सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. हर दौर की बातचीत में सरकार ने किसानों से बस यही सवाल किया है कि उन्हें किन बिंदुओं से आपत्ति है और क्या आपत्ति है. हालांकि किसान न तो कोई समस्या बताते हैं और न ही इसका समाधान. उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी समस्या का हल नहीं निकल सकता.
'किसानों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर जो भी कुछ हुआ वह निंदनीय है. देश की आन बान और शान तिरंगे से कोई समझौता नहीं हो सकता. कुछ लोगों ने किसानों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की और लोग भ्रमित हुए भी लेकिन सरकार पूरे बदन को दूर करने के लिए तैयार है और किसानों की ओर से जवाब का इंतजार कर रही है.
गौरतलब है कि पिछले दो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के अलग-अलग बोर्डों पर कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. पूरे मसले पर किसानों द्वारा कृषि कानून वापस लेने की मांग की जा रही है, जबकि सरकार का कहना है कि कृषि कानून में समस्याएं बतायी जाए, ताकि समाधान हो सकें. मसले को लेकर अब तक 11 बार किसानों और सरकार के बीच बातचीत हो चुकी है. हालांकि लाल किले की घटना के बाद दोनों तरफ से कोई बातचीत नहीं है.