नई दिल्ली : देश में नाबालिग बेटियों के साथ होने वाले यौन शोषण जैसे जघन्य अपराध को रोकने के लिए सरकार ने पॉक्सो एक्ट बनाया. इसके तहत अपराध करने वाले को जल्दी जमानत नहीं मिलती. इतना ही नहीं इसमें दोषी पाए जाने पर सख्त सजा का प्रावधान है. लेकिन कुछ मामलों में इस एक्ट के दुरुपयोग करने की बात भी सामने आती है. ऐसे ही दो मामले दिल्ली में सामने आए हैं. एक मामले में जहां प्रॉपर्टी डिस्प्यूट में इसका इस्तेमाल किया गया तो दूसरे मामले में कर्ज वापस मांगने पर.
अधिवक्ता रवि दराल ने बताया कि तिलक नगर के एक मामले में जसबीर (बदला हुआ नाम) पड़ोस में रहने वाली किशोरी से प्यार करता था. उनके परिजनों के बीच शादी के लिए बातचीत हो चुकी थी. इस दौरान लड़की के परिजनों ने जसबीर के पिता से पांच लाख रुपये उधार लिए. कुछ माह बाद यह रकम वापस मांगने जब जसबीर गया तो लड़की के परिजनों ने उसे जमकर पीटा.
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जसबीर के पिता ने पुलिस को कॉल कर दिया. उधर लड़की ने पुलिस को बयान दिया कि जसबीर उसके घर में घुसकर उससे जबरन संबंध बनाने का प्रयास कर रहा था. इससे पहले भी वह उसके साथ दुष्कर्म कर चुका है. इसलिए उसके बयान पर जसबीर के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज हो गया. चार दिन बाद वह अस्पताल से डिस्चार्ज हुआ तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
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बाहर निकलने के बाद उसने अदालत के समक्ष उस पर हुए हमले की एफआईआर दर्ज करने की याचिका लगाई. इस मामले की सुनवाई करने के बाद अदालत ने लड़की के परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी और हत्या प्रयास का मामला दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
अदालत में रवि दराल ने दोनों भाइयों की अग्रिम जमानत याचिका दायर की. इसमें उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है. पीड़ित पक्ष ने इस अग्रिम जमानत का विरोध तक नहीं किया. इसकी वजह से अदालत ने दोनों को अग्रिम जमानत दे दी.