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डीडीएमए कै फैसले से धर्मिक संस्थान से जुड़े लोग नाराज

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Published : Dec 31, 2021, 10:59 PM IST

दिल्ली में धार्मिक स्थल खुले रहने पर तो कोई रोक नही लगाई गई है. लेकिन, इन धार्मिक स्थलों में भक्तों के जाने पर पाबंदी को लेकर धार्मिक स्थल के प्राधनों की राय अलग-अलग है. जहां अधिकतर लोग इस फैसले पर नाराजगी जता रहे हैं. वहीं कुछ लोग इस फैसले की सराहना कर रहे है. तो कई इस आदेश के बाद प्रशासन को कोस रहे हैं.

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नई दिल्ली: कोरोना और ओमीक्रोन के मामलों में दिल्ली (corona and omicron cases in delhi) देश के नंबर एक स्थान पर है. यह मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में डीडीएमए ने गाइडलाइंस (guidelines issued by DDMA) जारी कर धार्मिक स्थलों को बंद करने का आदेश तो नहीं दिया है. लेकिन, इन धार्मिक स्थलों में जाने पर पाबंदी लगा रखी है. जिसको लेकर धार्मिक स्थल से जुड़े धर्मगुरु और प्रधान की राय अलग-अलग है. कुछ सरकार के इस फैसले से नाराज हैं तो कुछ सरकार के साथ है.

येलो अलर्ट(yellow alert in delhi) के बाद भी धार्मिक स्थल खुले रहने पर तो कोई रोक नही लगाई गई है. लेकिन, इन धार्मिक स्थलों में भक्तों के जाने पर पाबंदी को लेकर धार्मिक स्थल के प्राधनों की राय अलग-अलग है. जहां अधिकतर लोग इस फैसले पर नाराजगी जता रहे हैं. वहीं कुछ लोग इस फैसले की सराहना कर रहे है. तो कई इस आदेश के बाद प्रशासन को कोस रहे हैं.

अधिकतर लोग इस फैसले पर नाराजगी जता रहे हैं. वहीं कुछ लोग इस फैसले की सराहना कर रहे है

मंदिर के प्रबंधनों का साफतौर पर कहना है कि यह फैसला सही नहीं है. क्योंकि, मंदिर में ऐसा तो नहीं है कि भीड़ एक-साथ आती है. लोगे एक-एक करके भगवान दर्शन करने आते हैं. मन्दिरों में सेनिटाइजर के इंतजाम के साथ-साथ आनेवाले लोगों के सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है. जब मंदिर में लोग नही आएंगे तो पुजारी के देख-रेख के पैसे कहां से आएंगे.

वहीं गुरुद्वारा प्रबंधन भी इस फैसले को लेकर सवाल उठा रहे हैं. इनके अनुसार इस संकट की घड़ी में संगत गुरुद्वारे नहीं आएंगे तो कहां जाएंगे. ये तो अजीबो-गरीब फैसला है. क्योंकि, पिछले कोविड के वक्त सबने देखा कि सरकार ने क्या किया और गुरुद्वारों ने लोगों की कैसे मदद की. वहीं मस्जिद से जुड़े प्रबंधन के लोग इस फैसले को लोगों का जान बचानेवाला बता रहे हैं. इनके अनुसार हालात जिस तरह से बदल रहे हैं. उसमें ये फैसला बेहतर है और इसमे धार्मिक संस्थान के प्रमुख लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभानी चाहिए.

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धार्मिक स्थलों से जुड़े निर्देश पर लोगों की नाराजगी इस बात से है कि बाजारों में अभी भी दुकान ओ- इवन से नहीं खुल रहे हैं. साप्ताहिक बाजारों में सोशल डिस्टेंस नहीं हो रहा हैं और न ही मास्क का इस्तेमाल भी नहीं हो रहा है. ऐसे में सिर्फ धार्मिक स्थलों पर आने की पाबंदी कहां तक उचित है.

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