नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने ओवरसीज सिटिजंस ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारी दंपति की ओर से बच्चे को गोद लेने के लिए दिए गए आवेदन पर विचार नहीं किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी को नोटिस जारी किया. जस्टिस रेखा पल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच ने 18 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
याचिका OCI कार्डधारक शुभा चक्रवर्ती और उनके पति ने दायर की है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील मानव कुमार ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने एक बच्चे को गोद लेने के लिए सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी को मार्च 2018 में आवेदन किया था, लेकिन उसके बाद से आज तक कोई रेफरल सूचना नहीं दी गई, जिन लोगों ने याचिकाकर्ताओं के बाद आवेदन किया था, उन्हें रेफरल सूचना मिल गई. याचिका में कहा गया है सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी सीनियरिटी प्रतीक्षा सूची का पालन नहीं कर रहा है और बिना बारी के भी लोगों को बच्चे गोद मिल रहे हैं.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे पिछले चार सालों से दिल्ली में रह रहे हैं. 2018 में दाखिल किए गए बच्चे को गोद लेने के उनके आवेदन पर आज तक कोई रेफरल सूचना नहीं मिली है. याचिका में कहा गया है कि उन लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है जो NRI हैं. जबकि, नागरिकता कानून की धारा 7(बी)(1) के तहत OCI कार्डधारक को भी NRI की तरह प्राथमिकता देने का प्रावधान है.
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