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Delhi Corona : परेशान हो रहे नर्सरी संचालक, ग्राहक न आने से बर्बाद हो रहे पौधे

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Published : Jan 24, 2022, 11:41 AM IST

दिल्ली के नर्सरी संचालक कोरोना के इस दौर में आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि बिन मौसम बारिश के बाद अब कोरोना की रोकथाम के लिए लगाई गई पाबंदियों ने उन्हें परेशान कर दिया है. यह संचालक सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

परेशान हो रहे नर्सरी संचालक
परेशान हो रहे नर्सरी संचालक

नई दिल्ली : दिल्ली सहित पूरा देश पिछले 3 साल से कोरोना की मार झेल रहा है. कोरोना महामारी से हर तबका प्रभावित हुआ है, लेकिन खेती-किसानी से जुड़े लोग कोरोना के साथ बारिश के कहर की दोहरी मार से परेशान हैं. कोरोना की दूसरी लहर के बाद उबरने की कोशिश में लगे किसानों और नर्सरी संचालकों को बारिश की वजह से भी बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है. बारिश में जहां खेतों में पानी भर जाने की वजह से फसलें बर्बाद हो गईं तो वहीं नर्सरी में भी बारिश ने संचालकों के तैयार पौधों और फूलों को खराब कर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया. अब जब इससे उबरने को हुए तो कोरोना की तीसरी लहर के चलते लगाए वीकेंड कर्फ्यू से एक बार फिर उन्हें नुकसान उठाने पर मजबूर कर दिया है.

बक्करवाला के चंचल और भरत नर्सरी के अंदर अभी भी बारिश का पानी जमा पड़ा है. इससे कई तैयार पौधे गल कर खराब हो गए हैं, जिनसे संचालकों का काफी नुकसान हो गया है. वहीं अब कोरोना की तीसरी लहर के कारण सरकार द्वारा लागू वीकेंड कर्फ्यू सहित अन्य पाबंदियों से इनकी बिक्री और कमाई दोनों पर ही काफी गहरा प्रभाव डाला है. बावजूद इसके नर्सरी के यह संचालक बचे हुए फूल-पौधों को बेच अपनी रोजी-रोटी चलाने का प्रयास कर रहे हैं.

परेशान हो रहे नर्सरी संचालक

नर्सरी संचालकों ने बताया कि पहले उनकी कमाई औसतन पांच से छह हजार प्रतिदिन तक होती थी, लेकिन अब ये 1500 रुपये के अंदर सिमट गई है. उन्हें उम्मीद थी कि इस सीजन में शायद उनकी अच्छी कमाई होगी, लेकिन बारिश के मौसम में पानी भरने, फिर बिन मौसम बारिश की मार के बाद कोरोना की वजह से लगी पाबंदियों ने उनकी उम्मीदों पर पानी फिर दिया है. उनका कहना है कि छुटियों के दिन खरीदारों की आने की संभावना आम दिनों से ज्यादा होती है, लेकिन वीकेंड कर्फ्यू के कारण दोनों ही दिन नर्सरी को बंद रखना पड़ता है. वहीं आम दिनों में लागू ऑड-इवन के चलते लोग कम ही बाहर निकल रहे हैं. साथ ही पूर्व में इनके पास 150 लोग काम किया करते थे, वहीं अब महज 25 लोग ही काम कर रहे हैं, जिन्हें तनख्वाह देना भी काफी मुश्किल हो रहा है.

नर्सरी संचालकों ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियों के चलते उनका काफी नुकसान हो रहा है. थोड़ी बहुत हो रही बिक्री और जमा-पूंजी से यह संचालक घर खर्चा निकाल पा रहे हैं. इनका कहना है कि सरकार कोरोना और बारिश से हुए नुकसान से उबरने के लिए इनकी मदद करें.

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