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कूड़ा नहीं हटाने पर NGT ने दिल्ली सरकार पर लगाया 900 करोड़ का जुर्माना

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Published : Oct 12, 2022, 6:25 PM IST

Updated : Oct 12, 2022, 7:27 PM IST

लैंडफिल साइट से कूड़े को खत्म न कर पाने और पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने की कोशिश में विफल होने पर एनजीटी (NGT) ने बुधवार को दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ का जुर्माना लगाया है.

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नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र (NCR) के तीन लैंडफिल साइट से कूड़ा ना उठा पाने पर NGT ने दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. बुधवार को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने मामले की सुनवाई करते हुए ओखला गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साइट के कूड़े का निस्तारण ना हो पाने पर सरकार को जमकर फटकार लगाई. साथ ही 300 करोड़ रुपए प्रति साइट के अनुसार 900 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया.

न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल, डॉक्टर अफरोज अहमद और प्रोफेसर ए सेंथिल वेल की पीठ ने दिल्ली सरकार पर यह जुर्माना लगाया है. अपने आदेश में पीठ ने कहा है कि यह नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है. साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत की विफलता भी है. इसके लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली नगर निगम दोनों ही जिम्मेदार हैं.

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यह कानून द्वारा दिए गए कार्यों को पूरा नहीं करते हैं. गंभीर आपात स्थिति को लेकर जवाबदेह नहीं हैं. यह दिल्ली के नागरिकों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों का पूरी तरह से उल्लंघन है.

पीठ ने कहा कि अब तक रिपोर्ट से पता चलता है कि केवल निचले रैंक के अधिकारियों को इस कार्य में प्रत्यायोजित किया गया है. इस मामले में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को 1 माह के भीतर जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि तीनों लैंड फिल साइट में 280 टन मलबा लाया गया, जबकि सिर्फ 59 टन ही प्रोसैस्ड किया गया है.

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सांस की बीमारियों से परेशान हैं लोगः बता दें, तीन बड़ी लैंडफिल साइट गाजीपुर, भलस्वा और ओखला के आस-पास रह रहे लोग सांस और दूसरी कई बीमारियों से ग्रसित हैं. यह तीनों स्थान आज दिल्ली में बड़े कूड़े के पहाड़ बन चुके हैं. हालांकि इन कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए कई बार आवाज उठाई गई है, लेकिन उसपर किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हुई है.

गाजीपुर लैंडफिल साइट करीब 70 एकड़ क्षेत्रफल में फैली है. यहां पर करीब 140 लाख मीट्रिक टन कचरा फैला है. पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में रोजाना करीब 2,600 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है. इसी तरह उत्तरी दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल साइट पर 80 लाख मीट्रिक टन और दक्षिणी दिल्ली में ओखला लैंडफिल साइट पर करीब 50 लाख मीट्रिक टन कचरा फैला है.

इन साइटों पर ठोस कचरा तीन श्रेणियों रिफ्यूज्ड व्युत्पन्न ईंधन (आरडीएफ), निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) और निष्क्रिय अपशिष्ट के रूप में आता है. आरडीएफ कचरे का उपयोग अपशिष्ट से बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 12, 2022, 7:27 PM IST
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