नई दिल्ली: एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोपों से ऊपर उठकर दिल्ली सरकार की अलग-अलग एजेंसियां और निगम अब साफ-सफाई के लिए एक साथ आएगी. कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुई नालों की साफ-सफाई में सारी एजेंसियां मिलकर प्लान बनाएंगी और उस पर अमल करेंगी. नेताओं के मुताबिक ये वक्त की जरूरत है और सभी लोग आम लोगों को परेशानी नहीं होने देने के पक्ष में हैं.
मॉनसून से पहले होती है सफाई
दरअसल मॉनसून से पहले दिल्ली की अलग-अलग एजेंसियां जिसमें दिल्ली की नगर निगम, कंटोनमेंट बोर्ड, पीडब्ल्यूडी समेत सभी एजेंसियां अपने-अपने अधीन आने वाले नालों की साफ सफाई का काम करती हैं.
मॉनसून से पहले अमूमन यह काम पूरा कर लिया जाता है लेकिन उसके बावजूद कई जगहों पर जलभराव की स्थिति होती है. कोरोना वायरस के चलते इस बार यह काम पूरा ही नहीं हो सका जिसके बाद आशंका है कि अच्छी बारिश हुई तो दिल्ली जलमग्न हो जाएगी. इससे तरह-तरह की बीमारियां भी पनपेंगी.
एक साथ करेंगे काम
इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार की एजेंसियों और नगर निगमों ने एक साथ आकर इसका प्लान बनाकर काम करने की बात कही है.
इसके लिए शुक्रवार से जॉइंट इंस्पेक्शन भी शुरू हुआ है. योजना के मुताबिक पहले उन जगहों पर काम शुरू हुआ है, जहां जलभराव की स्थिति ज्यादा होती है. अगर इस प्लान पर अमल होता है तो ये लोगों के लिए कहीं अधिक फायदेमंद होगा.
क्या कह रहे नेता!
साउथ एमसीडी में नेता सदन नरेंद्र चावला कहते हैं कि एजेंसियों की जॉइंट मीटिंग में इस पूरी योजना पर काम करने की बात कही गई है. इसके लिए सभी लोग तैयार हुए हैं कि दिल्ली में मॉनसून सीजन में जलभराव नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे लोगों को असुविधा होगी और बीमारियां पनपेंगी वो अलग.
नहीं हो पाया है काम पूरा
बता दें कि अकेले साउथ एमसीडी के अधीन 243 बड़े नाले और 19514 छोटे ड्रेन हैं. इसमें छोटे नालों का काम 50 फीसदी ही पूरा हुआ है. निगम का कहना है कि काम लगातार जारी है योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है. हालांकि, अब बारिश के समय ही दावों का सच सामने आएगा.