नई दिल्ली: किसान आंदाेलन खत्म (farmers movement ends) हाेने की घाेषणा के बाद किसान बॉर्डर से वापस लाैटने (Farmers are going from Singhu border) लगे हैं. यहां पर किसान एक साल से भी ज्यादा समय तक आंदोलन पर बैठे रहे. यह आंदोलन अब तक का सबसे लंबे आंदोलन के लिए जाना जाने लगा है. इस आंदाेलन के दाैरान कई किसानाें की माैत (farmers died during the kisan andolan) हाे गयी थी. कृषि कानून वापस लिये जाने का जहां किसानाें में खुशी है वहीं इन किसानाें की माैत का गम भी है. अब किसानों ने इन्हीं मृत किसानाें की याद में एक (A memorial will be built for dead farmers) स्मारक बनाने की तैयारी कर रहे हैं.
यह स्मारक सिंघु बॉर्डर (United Kisan Morcha will build memorial on Singhu border) के आसपास ही बनाया जाएगा, जिससे इस रोड से आने जाने वाला हर व्यक्ति इस स्मारक को देख सकें. बताया जा रहा है कि स्मारक की ऊंचाई इतनी होगी कि आने जाने वाले हर व्यक्ति की नजर स्मारक पर पड़ेगी. उस स्मारक पर लगे पत्थर में सुनहरे अक्षरों में उन किसानाें का नाम लिखा जाएगा जिनकी यहां माैत हाे गयी थी. करीब 750 लोगों की सूची तैयार की गई, जिसमें उनका नाम, उनके गांव का नाम और जिस दिन उनकी मौत हुई उस तारीख को भी लिखी जाएगी.
इसे भी पढ़ेंः 13 महीने बाद घर जाएंगे फिर भी 13 घंटे ही घर पर रुकेंगे राकेश टिकैत
संयुक्त किसान मोर्चा ने (Sanyukt Kisan Morcha build a memorial) अपने खर्चे पर स्मारक तैयार करने का निर्णय लिया है. इसके लिए तीन से चार जगहों को चिह्नित किया गया है, हालांकि अभी तक जमीन खरीदी नहीं गयी है. संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में यह तय होगा कि कौन सी जगह पर स्मारक बनाने का काम शुरू होगा. किसान आंदोलन में पर्दे के पीछे रहकर एक अहम भूमिका निभाने वाले दीप खत्री ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि किसान आंदोलन की यादों को बरकरार रखने की पूरी प्लानिंग हो चुकी है.
इसे भी पढ़ेंः कृषि कानूनों पर आखिरकार सरकार ने अपने पैर पीछे खींचे ताे विपक्ष काे मिला, मौका-मौका...
स्मारक बनाने में कितना खर्चा होगा उसका भी एस्टिमेट तैयार कर लिया गया है. पत्थरों का चयन बहुत जल्द किया जाएगा. तीन जगहों को चिह्नित किया गया है जहां पर स्मारक बनाया जा सकता है. जिस जगह पर भी स्मारक बनाया जाएगा वह हाईवे के बिल्कुल नजदीक होगा. हर आने-जाने वाले व्यक्ति की नजर उस पर पड़े, इसी उद्देश्य के साथ स्मारक बनाने की तैयारियां की जा रही हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप