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COVID-19: इन्फेक्शन ही इन्फेक्शन का करेगा बचाव, जल्द ही दोस्त बन जाएगा ये वायरस!

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Published : Jul 26, 2022, 5:58 PM IST

Updated : Jul 26, 2022, 8:07 PM IST

डॉ राम एस उपाध्याय
डॉ राम एस उपाध्याय

ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक और स्वीडन की उपासला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. राम एस उपाध्याय ने कोविड- 19 को लेकर बड़ा दावा किया है. उनके मुताबिक, अब इन्फेक्शन ही इन्फेक्शन का बचाव करेगा. यहां तक कि बहुत जल्द ये वायरस ह्यूमन फ्रेंडली हो जाएगा.

नई दिल्ली: राजधानी समेत पूरे देश में कोरोना (COVID-19) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) तेज़ी से पांव पसार रहा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि अब इस वायरस से हुआ इन्फेक्शन ही बचाव करने की मुद्रा में आ चुका है. ओमिक्रॉन से बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है. ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक व स्वीडन की उपासला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ राम एस उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ओमिक्रॉन के तेज फैलाव से डरने की जरूरत नहीं है, यही वैरिएंट कोरोना के खात्मे की वजह बनेगा. जल्द ही यह वायरस ह्यूमन फ्रेंडली बन जाएगा.



डॉ उपाध्याय ने कहा कि कोरोना के मौजूदा स्वरूप की 90 दिन की चली सेंसिटिविटी एनालिसिस में यह बात सामने आई है कि अब इन्फेक्शन ही इन्फेक्शन का कर रहा बचाव. उन्होंने द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित सेंसिटिविटी एनालिसिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना के पुराने वैरिएंट से हुआ इन्फेक्शन भी प्रोटेक्शन दे रहा है. अभी तक कोविड-19 के किसी भी वैरिएंट से संक्रमित सख्स के शरीर में जो इन्फेक्शन फैला है उससे बनी इम्युनिटी अब ओमिक्रॉन के वैरिएंट BA. 2.75/ BA.4/ BA.5 से बचाव के लिए 90 फीसदी तक कारगर साबित हो रही है. तीन महीने पहले तक यह आंकड़ा 76.73 फीसद था.

डॉ राम एस उपाध्याय



वैक्सीन और इन्फेक्शन का प्रभाव

वैज्ञानिक बताते हैं कि इन्फेक्शन से 90 फीसद तक प्रोटेक्शन दर का बढ़ना यह बताता है कि कोरोना के पुराने वैरिएंट चाहे अल्फा हो, डेल्टा हो या अब ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट इसके इन्फेक्शन से लड़ने के लिए शरीर मे जो इम्युनिटी बना उससे अब काफी बचाव हो रहा है. इसी तरह आगे भी रहा तो कोरोना वायरस और कमजोर पड़ जाएगा. डॉ उपाध्याय कहते हैं कि इसमें वैक्सीन के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कोविड 19 वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन कंपाउंडिंग फैक्टर है. सेंसिटिविटी एनालिसिस रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि अभी तक अगर किसी को कोविड नहीं हुआ और उसने बचाव के लिए वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवाएं हैं तो उसका प्रोटेक्शन दर नेगेटिव -1.1 फीसद विकसित हुआ.जिस शख्स को वैक्सीन के दो डोज़ लगे हैं और वह कोरोना संक्रमित भी हुआ उसमें 55.1 फीसद तक प्रोटेक्शन दर विकसित हुआ. जिसने अभी तक वैक्सीन के तीन डोज़ लगवाई और संक्रमित भी हो चुका है उसमें प्रोटेक्शन दर 76.73 फीसद विकसित हुआ. जिस शख्स ने वैक्सीन नहीं लगवाई सिर्फ कोरोना संक्रमित हुआ है उसमें प्रोटेक्शन दर 46 फीसद विकसित हुआ.

इन्फेक्शन से स्ट्रांग इम्युनिटी
इन्फेक्शन से स्ट्रांग इम्युनिटी
इन्फेक्शन से स्ट्रांग इम्युनिटीकोविड 19 के अभी तक के वैरिएंट को लेकर की गई सेंसिटिविटी एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमित होने के बाद जब व्यक्ति ठीक हुआ तो उसके शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने के लिए बनी इम्युनिटी लगभग एक साल तक प्रभावी रहा. जबकि वैक्सीन से जो इम्युनिटी मिली वह सिर्फ चार महीने तक प्रभावी रहा. लेकिन वैज्ञानिक आज भी उनलोगों को संक्रमण से बचने की सलाह देते हैं, जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. क्योंकि सेंसिटिविटी एनालिसिस रिपोर्ट के अनुसार गंभीर बीमारी से पीड़ित शख्स को अगर कोरोना हुआ और वो ठीक नहीं हो रहा तो उसके जान को खतरा है. आज भी ऐसे मामले 10-12 फीसद हैं. इसलिए वैज्ञानिक कहते हैं कि अब कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर खुलकर चर्चा होने की जरूरत है. जिस तरह वायरस के आने के दौरान हुआ था. इसके प्रभाव और दुष्प्रभाव के बारे में नए सिरे से लोगों को बताया जाना चाहिए. ओमिक्रॉन इसलिए नहीं बना घातकडॉ उपाध्याय के अनुसार ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेज फैलाव से डरें नहीं. इससे कोरोना महामारी का अंत तय होने की पूरी संभावना है. उनका कहना है कि ओमीक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वेरिएंट से अलग है. डेल्टा फेफड़ों में जाकर संक्रमण फैलाना शुरू करता है, जबकि ओमीक्रॉन श्वासनली में रुककर मल्टीप्लीकेशन करता है. इसलिए फेफड़े बच जाते हैं. दूसरी अहम बात यह है कि ओमीक्रॉन जब फेफड़ों में जाता है तो डेल्टा के मुकाबले 10 गुना धीमी गति से फैलता है. इसलिए मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती. ओमिक्रॉन मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इसके संक्रमण के साथ ही लोगों को नेचुरल इम्यूनिटी भी हासिल हो जाएगी. संक्रमण से मिली इम्यूनिटी वैक्सीन की इम्यूनिटी के मुकाबले ज्यादा समय तक टिकती है. इसलिए वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो इसका तेजी से होता प्रसार खतरा नहीं, बल्कि इसी से कोरोना महामारी का अंत होगा. बीते 24 घंटे में देश में कोरोना के कुल 14,830 नए मामले सामने आए हैं. कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की दर 98.47 फीसद है. ऐसी ही ज़रूरी और विश्वसनीय ख़बरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप
  • संवादादता आशुतोष झा
Last Updated :Jul 26, 2022, 8:07 PM IST
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