नई दिल्ली: राजधानी समेत पूरे देश में कोरोना (COVID-19) के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) तेज़ी से पांव पसार रहा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि अब इस वायरस से हुआ इन्फेक्शन ही बचाव करने की मुद्रा में आ चुका है. ओमिक्रॉन से बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है. ब्रिटिश मेडिकल काउंसिल के पूर्व वैज्ञानिक व स्वीडन की उपासला यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ राम एस उपाध्याय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ओमिक्रॉन के तेज फैलाव से डरने की जरूरत नहीं है, यही वैरिएंट कोरोना के खात्मे की वजह बनेगा. जल्द ही यह वायरस ह्यूमन फ्रेंडली बन जाएगा.
डॉ उपाध्याय ने कहा कि कोरोना के मौजूदा स्वरूप की 90 दिन की चली सेंसिटिविटी एनालिसिस में यह बात सामने आई है कि अब इन्फेक्शन ही इन्फेक्शन का कर रहा बचाव. उन्होंने द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित सेंसिटिविटी एनालिसिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना के पुराने वैरिएंट से हुआ इन्फेक्शन भी प्रोटेक्शन दे रहा है. अभी तक कोविड-19 के किसी भी वैरिएंट से संक्रमित सख्स के शरीर में जो इन्फेक्शन फैला है उससे बनी इम्युनिटी अब ओमिक्रॉन के वैरिएंट BA. 2.75/ BA.4/ BA.5 से बचाव के लिए 90 फीसदी तक कारगर साबित हो रही है. तीन महीने पहले तक यह आंकड़ा 76.73 फीसद था.
वैक्सीन और इन्फेक्शन का प्रभाव
वैज्ञानिक बताते हैं कि इन्फेक्शन से 90 फीसद तक प्रोटेक्शन दर का बढ़ना यह बताता है कि कोरोना के पुराने वैरिएंट चाहे अल्फा हो, डेल्टा हो या अब ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट इसके इन्फेक्शन से लड़ने के लिए शरीर मे जो इम्युनिटी बना उससे अब काफी बचाव हो रहा है. इसी तरह आगे भी रहा तो कोरोना वायरस और कमजोर पड़ जाएगा. डॉ उपाध्याय कहते हैं कि इसमें वैक्सीन के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. कोविड 19 वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन कंपाउंडिंग फैक्टर है. सेंसिटिविटी एनालिसिस रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि अभी तक अगर किसी को कोविड नहीं हुआ और उसने बचाव के लिए वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवाएं हैं तो उसका प्रोटेक्शन दर नेगेटिव -1.1 फीसद विकसित हुआ.जिस शख्स को वैक्सीन के दो डोज़ लगे हैं और वह कोरोना संक्रमित भी हुआ उसमें 55.1 फीसद तक प्रोटेक्शन दर विकसित हुआ. जिसने अभी तक वैक्सीन के तीन डोज़ लगवाई और संक्रमित भी हो चुका है उसमें प्रोटेक्शन दर 76.73 फीसद विकसित हुआ. जिस शख्स ने वैक्सीन नहीं लगवाई सिर्फ कोरोना संक्रमित हुआ है उसमें प्रोटेक्शन दर 46 फीसद विकसित हुआ.
- संवादादता आशुतोष झा