नई दिल्ली: लोन एवं कारोबार के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा कर फरार हुए शख्स को अपराध शाखा ने 5 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी दिनेश गुप्ता अपनी कंपनी का एमडी था. पीड़ित की कंपनी के साथ उसने 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी की थी. दिसंबर 2021 को उसे अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था.
डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा के अनुसार जेके गुप्ता एंड संस कंपनी के मालिक अरुण गुप्ता की शिकायत पर एक मामला 2016 में दर्ज किया गया था. इस शिकायत में बताया गया कि 2012 में आरोपी दिनेश गुप्ता ने उनसे संपर्क किया और उनसे लगभग 70 लाख रुपए का लोन लिया. दिसंबर 2012 में आरोपी ने उनसे 3.35 करोड़ का लोन लिया. उस लोन की शर्त थी कि वह राजस्थान के भिवाड़ी स्थित अपनी संपत्ति उन्हें बेचकर यह रकम चुकाएगा. 2015 में आरोपी ने उनके लगभग 2 करोड़ रुपए के बिल नहीं चुकाए जिसका माल उन्होंने सप्लाई किया था. इसके चलते उनके लगभग 5.35 करोड़ रुपए आरोपी के पास फंस गए.
2016 में आरोपी ने उनसे संपर्क किया और बोला कि वह अपनी प्रॉपर्टी बेचने को तैयार है. इसकी कीमत 7 करोड़ रुपये लगाई गई. अक्टूबर 2016 में इसका एग्रीमेंट बना जिसमें यह तय किया गया कि उसके द्वारा लिया गया कर्ज इस रकम में से काट लिया जाएगा. लेकिन बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि यह प्रॉपर्टी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास पहले से गिरवी है. प्राथमिक जांच के बाद इस बाबत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस टीम ने उसे पूछताछ के लिए नोटिस दिया लेकिन वह पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुआ.
उसकी तलाश में कई जगह पर छापेमारी चल रही थी. वह लगातार पुलिस से बचने के लिए भाग रहा था. अदालत ने उसे 2021 में भगोड़ा घोषित कर दिया था. एसीपी नगीन कौशिक की देखरेख में इंस्पेक्टर एके सिंह की टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी दिनेश गुप्ता उजाला पंप्स प्राइवेट लिमिटेड भिवाड़ी राजस्थान का एमडी है. वह कॉमर्स ग्रेजुएट है. आर्थिक अपराध शाखा उससे पूछताछ कर रही है.
5 करोड़ से ज्यादा के फर्जीवाड़े में एमडी गिरफ्तार, 5 साल से था फरार
नई दिल्ली: लोन एवं कारोबार के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा कर फरार हुए शख्स को अपराध शाखा ने 5 साल बाद गिरफ्तार किया है. आरोपी दिनेश गुप्ता अपनी कंपनी का एमडी था. पीड़ित की कंपनी के साथ उसने 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी की थी. दिसंबर 2021 को उसे अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था.
डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा के अनुसार जेके गुप्ता एंड संस कंपनी के मालिक अरुण गुप्ता की शिकायत पर एक मामला 2016 में दर्ज किया गया था. इस शिकायत में बताया गया कि 2012 में आरोपी दिनेश गुप्ता ने उनसे संपर्क किया और उनसे लगभग 70 लाख रुपए का लोन लिया. दिसंबर 2012 में आरोपी ने उनसे 3.35 करोड़ का लोन लिया. उस लोन की शर्त थी कि वह राजस्थान के भिवाड़ी स्थित अपनी संपत्ति उन्हें बेचकर यह रकम चुकाएगा. 2015 में आरोपी ने उनके लगभग 2 करोड़ रुपए के बिल नहीं चुकाए जिसका माल उन्होंने सप्लाई किया था. इसके चलते उनके लगभग 5.35 करोड़ रुपए आरोपी के पास फंस गए.
2016 में आरोपी ने उनसे संपर्क किया और बोला कि वह अपनी प्रॉपर्टी बेचने को तैयार है. इसकी कीमत 7 करोड़ रुपये लगाई गई. अक्टूबर 2016 में इसका एग्रीमेंट बना जिसमें यह तय किया गया कि उसके द्वारा लिया गया कर्ज इस रकम में से काट लिया जाएगा. लेकिन बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि यह प्रॉपर्टी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पास पहले से गिरवी है. प्राथमिक जांच के बाद इस बाबत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस टीम ने उसे पूछताछ के लिए नोटिस दिया लेकिन वह पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुआ.
उसकी तलाश में कई जगह पर छापेमारी चल रही थी. वह लगातार पुलिस से बचने के लिए भाग रहा था. अदालत ने उसे 2021 में भगोड़ा घोषित कर दिया था. एसीपी नगीन कौशिक की देखरेख में इंस्पेक्टर एके सिंह की टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी दिनेश गुप्ता उजाला पंप्स प्राइवेट लिमिटेड भिवाड़ी राजस्थान का एमडी है. वह कॉमर्स ग्रेजुएट है. आर्थिक अपराध शाखा उससे पूछताछ कर रही है.